तिमारपुर रोड से वजीराबाद गांव को जाते हुए चंद्रावल के पानीघर के रास्ते में पुराने जमाने का बना हुआ नजफगढ़ झील के नाले का एक पक्का पुल और सड़क के दाएं हाथ किसी मुसलमान फकीर का एक मकबरा है, जो फीरोज शाह के जमाने का बना हुआ (1365-90 ई.) मालूम होता है।

यह यमुना नदी के किनारे पड़ता है। मकबरे की इमारत, दरवाजा, सहन, मस्जिद और पुल सब उसी समय के बने हुए प्रतीत होते हैं। यह उस जमाने की बहुत सुंदर इमारत है। वजीराबाद के इसी स्थान पर तैमूर और उसके मुगल लुटेरों ने अपने खेमे डाले थे और दिल्ली में कत्लेआम, लूट और बरबादी करने के बाद पहली जनवरी 1399 ई. को मुसलमानी शक्ति को बरबाद करके यहीं से यमुना पाए गए थे।

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