बॉलीवुड की सबसे खूबसूरत प्रेम कहानियों में से एक, जहां बहादुरी और समर्पण ने दो दिलों को एक कर दिया
दी यंगिस्तान, नई दिल्ली।
सुनील दत्त और नरगिस की प्रेम कहानी बॉलीवुड की उन कहानियों में से एक है, जो आज भी लोगों के दिलों में जिंदा है। इस प्रेम कथा की शुरुआत एक आग के हादसे से हुई, जिसने इन दोनों के जीवन को बदल दिया। जानिए कैसे सुनील दत्त ने न केवल अपनी बहादुरी से नरगिस की जान बचाई, बल्कि उनके दिल में भी एक खास जगह बना ली। यह प्रेम कहानी हमें निस्वार्थ प्रेम और समर्पण का संदेश देती है।
घंटो इंतजार करते सुनील दत्त
सुनील दत्त जब बंबई आए थे, तो वह नए कलाकार थे और नरगिस उस समय की सबसे बड़ी स्टार थीं। सुनील दत्त अक्सर मरीन ड्राइव पर खड़े होकर नरगिस की एक झलक पाने का इंतजार करते थे। उनके लिए नरगिस सिर्फ एक अभिनेत्री नहीं, बल्कि एक सपना थीं। उनके जीवन का पहला खास लम्हा तब आया, जब उन्होंने रेडियो सिलोन में अनाउंसर के रूप में नरगिस का इंटरव्यू लिया। उस दिन की खुशी उनके लिए बेशकीमती थी। धीरे-धीरे उन्होंने भी अभिनय के क्षेत्र में कदम रखा, पर अब भी उनके और नरगिस के बीच की दूरी बहुत बड़ी थी।
राजकपूर और नरगिस का रिश्ता
नरगिस उस समय राज कपूर के साथ रोमांटिक रिश्ते में थीं, जो सबको मालूम था। हालांकि, यह प्रेम कहानी अपने अंजाम तक नहीं पहुंच पाई और दोनों अलग हो गए। इस दौरान सुनील दत्त भी अपनी पहचान बना रहे थे और 1957 में उन्हें मदर इंडिया में नरगिस के बेटे का किरदार निभाने का मौका मिला। यह फिल्म उनकी जिंदगी का एक अहम मोड़ साबित हुई, न केवल करियर में बल्कि निजी जीवन में भी।
फिल्म मदर इंडिया के सेट पर आग का हादसा:
एक दिन, 1 मार्च 1957 को, मदर इंडिया की शूटिंग के दौरान एक सीन फिल्माया जा रहा था जिसमें नरगिस के खेत में आग लग जाती है। सेट पर अचानक हवा का रुख बदल गया, और आग बहुत तेजी से फैल गई, जिससे नरगिस लपटों के बीच घिर गईं। सुनील दत्त ने अपनी जान की परवाह न करते हुए आग में छलांग लगा दी और किसी तरह नरगिस को सुरक्षित बाहर निकाल लिया। इस बहादुरी भरे कदम ने नरगिस के दिल में उनके लिए एक खास जगह बना ली। उस समय नरगिस अपने पहले इश्क से उबर रही थीं और उन्हें ऐसा इंसान मिला जो उनके लिए अपनी जान तक दांव पर लगा सकता था। यह हादसा दोनों को एक-दूसरे के करीब ले आया और इनका रिश्ता धीरे-धीरे गहरा होता गया।
प्रेम से विवाह तक का सफर:
इश्क के बढ़ने के बावजूद दोनों ने इसे सार्वजनिक नहीं किया। सुनील दत्त और नरगिस ने अपने रिश्ते को निजी रखा। एक दिन, सुनील दत्त ने अपने करीबी दोस्त देवानंद को फोन किया और उनसे मिलने की इच्छा जताई। सुनील दत्त ने उन्हें बताया कि वह आधी रात ठीक 12 बजे उनके घर आएंगे। देवानंद ने पूछा कि इस ‘हम’ और ‘हमारे’ का मतलब क्या है। सुनील दत्त ने मुस्कुराते हुए कहा, “मिलकर खुद जान जाओगे।”
नरगिस के साथ देवानंद के घर पहुंचे सुनील
आधी रात 12 बजे सुनील दत्त देवानंद के घर पहुंचे, और उनके साथ थीं नरगिस। देवानंद हैरत में पड़ गए, जब उन्होंने सुनील दत्त से सुना कि “यह अब मेरी पत्नी है। हमने शादी कर ली है।” देवानंद, इस खबर को सुनकर हैरान रह गए। वह पहले व्यक्ति थे, जिन्हें इस शादी के बारे में पता चला। कुछ दिनों बाद, सुनील दत्त और नरगिस ने अपनी शादी का एक शानदार रिसेप्शन रखा और इसे सार्वजनिक किया।
बॉलीवुड की सबसे प्रेरक कहानी
सुनील दत्त और नरगिस की प्रेम कहानी एक मिसाल है कि सच्चे प्रेम में किसी भी तरह की बाधाएं नहीं टिकतीं। इस जोड़े ने न केवल सिनेमा जगत में बल्कि जीवन में भी अपने रिश्ते को बहुत खूबसूरती से निभाया। दोनों ने साथ मिलकर कई सामाजिक कार्य भी किए और समाज के लिए एक आदर्श बने। उनकी कहानी आज भी बॉलीवुड में प्रेम और समर्पण का प्रतीक मानी जाती है।
ये तथ्य भी महत्वपूर्ण
1. सुनील दत्त की दीवानगी:
– सुनील दत्त बंबई में नरगिस की एक झलक पाने के लिए मरीन ड्राइव पर घंटों खड़े रहते थे। वह उनसे पहली बार रेडियो सिलोन में इंटरव्यू करते समय मिले थे और उनके साथ वक्त बिताना उनके लिए किसी सपने के सच होने जैसा था।
2. मदर इंडिया और आग का हादसा:
– फिल्म मदर इंडिया के सेट पर हुए आग के हादसे ने सुनील दत्त और नरगिस को बेहद करीब ला दिया। सुनील दत्त ने अपनी जान जोखिम में डालकर नरगिस की जान बचाई, जिसने नरगिस के दिल में उनके लिए एक खास जगह बना दी।
3. देवानंद के घर पर शादी का खुलासा:
– देवानंद पहले व्यक्ति थे जिन्हें सुनील दत्त और नरगिस की शादी के बारे में पता चला। सुनील ने आधी रात 12 बजे नरगिस को उनके घर ले जाकर उन्हें अपनी शादी की जानकारी दी।
4. प्रेम और समर्पण का प्रतीक:
– सुनील दत्त और नरगिस की प्रेम कहानी सच्चे प्रेम और समर्पण का प्रतीक है। उनका रिश्ता आज भी सिनेमा प्रेमियों के लिए प्रेरणादायक है और उन्हें एक आदर्श जोड़े के रूप में देखा जाता है।