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“जागरूकता से राष्ट्र निर्माण की ओर: IIT Delhi में ‘त्रिनेत्र भारत’ ने दी युवाओं को नई दिशा”

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आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, फाइनेंशियल लिटरेसी, साइबर सिक्योरिटी और कानून जैसे विषयों पर हुआ संवाद

दी यंगिस्तान, नई दिल्ली।

IIT Delhi: विचारों, बुद्धिमत्ता और राष्ट्र के सपनों के मेल से ‘त्रिनेत्र भारत: जागरूक सोच का संवाद’ कार्यक्रम का आयोजन नवजीवन ग्रुप और NSS IIT दिल्ली के संयुक्त प्रयास से IIT दिल्ली के परिसर में किया गया।

यह कार्यक्रम युवाओं और बुद्धिजीवियों के लिए एक आह्वान था कि जागरूकता ही असली शक्ति है – और जब यह शक्ति नैतिकता और ज्ञान से जुड़ती है, तो एक सशक्त भारत का निर्माण संभव होता है।

कार्यक्रम में भारत सरकार के मत्स्य पालन, पशुपालन, डेयरी और पंचायती राज राज्य मंत्री प्रो. एस.पी. सिंह बघेल मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। उन्होंने छात्रों, नीति-निर्माताओं और बुद्धिजीवियों से भरे सभागार को संबोधित करते हुए कहा: “AI, वित्त, साइबर सुरक्षा और कानून – ये सभी एक आधुनिक और आत्मनिर्भर भारत की त्रिनेत्री हैं।

ये ज्ञान, जागरूकता और ज़िम्मेदारी के प्रतीक हैं। आप केवल इंजीनियर या प्रोफेशनल नहीं हैं, बल्कि नए भारत के निर्माता हैं। हमें ऐसे युवा चाहिए जो ट्रेंड्स को फॉलो न करें, बल्कि खुद दिशा तय करें।”

कार्यक्रम में डॉ. विजय चौथाईवाले (विदेश मामलों के विभाग प्रभारी) और डॉ. जेनिस डर्बारी (मोंटेनेग्रो की मानद कौंसल जनरल, भारत) विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल हुए। उनकी उपस्थिति ने कार्यक्रम को एक अंतरराष्ट्रीय और राजनयिक दृष्टिकोण भी दिया।

इस पहल की संकल्पना डॉ. मोनिका बी. सूद (CEO, नवजीवन हेल्थ सर्विसेज) ने की थी। उन्होंने IIT दिल्ली के छात्रों के साथ मानसिक स्वास्थ्य पर सत्र के बाद महसूस किया कि देश के युवा सिर्फ मानसिक रूप से नहीं, बल्कि वित्तीय जानकारी, साइबर सुरक्षा, कानून और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे क्षेत्रों में भी मजबूत हों।

इसी सोच से ‘त्रिनेत्र भारत’ की शुरुआत हुई — एक ऐसा मंच जो युवाओं को व्यावहारिक समझ और राष्ट्र निर्माण की दिशा में प्रेरित करता है।

डॉ. मोनिका सूद ने कहा, “त्रिनेत्र भारत केवल एक अकादमिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि एक आंदोलन है। यह युवाओं को जागरूक, नैतिक और अधिकारों के प्रति सजग बनाने की मुहिम है।”

यह कार्यक्रम नवजीवन ग्रुप की उस सौ साल पुरानी विरासत को भी आगे बढ़ाता है, जिसकी नींव स्वतंत्रता सेनानी डॉ. अमरनाथ सूद ने 1923 में रखी थी, और जो अब 40 से ज्यादा देशों तक फैल चुका है।

कार्यक्रम की मुख्य झलक रही एक विशेष पैनल चर्चा, जिसमें अशोक कुमार – हरियाणा खेल विश्वविद्यालय के कुलपति और उत्तराखंड के पूर्व पुलिस महानिदेशक, डॉ. पवन दुग्गल – सुप्रीम कोर्ट अधिवक्ता, राजेश अग्रवाल – दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के सचिव, विवेक लॉ – प्रख्यात बिजनेस जर्नलिस्ट, ईशान कपूर – होपिंग माइंड्स के सह-संस्थापक शामिल थे:

इस चर्चा में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, फाइनेंशियल लिटरेसी, साइबर सिक्योरिटी और कानून जैसे विषयों पर गहन संवाद हुआ।ललकार्यक्रम में छात्रों, शिक्षकों और प्रोफेशनलों की बड़ी भागीदारी रही। ‘त्रिनेत्र भारत’ केवल एक मंच नहीं, बल्कि डिजिटल जागरूकता, नैतिक शासन और नागरिक सशक्तिकरण के लिए राष्ट्रीय आंदोलन का रूप ले चुका है।

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