न्यूनतम वेतन बढ़ाने की लंबे समय से मांग कर रहे विभिन्न संगठन
दी यंगिस्तान, नई दिल्ली।
Union Budget 2025: केंद्र सरकार 2025 के बजट में प्राइवेट कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण ऐलान कर सकती है। सूत्रों के अनुसार, इस बार केंद्रीय बजट में ₹7500 की न्यूनतम पेंशन (Minimum Pension) का प्रस्ताव किया जा सकता है। अगर यह लागू होता है, तो प्राइवेट कर्मचारियों के लिए यह एक बड़ी राहत साबित हो सकती है, क्योंकि वर्तमान में उन्हें बहुत कम पेंशन मिलती है।
क्यों बढ़ाने की जा रही है पेंशन?
हाल ही में, कर्मचारी संगठनों ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात की थी, और उनकी प्रमुख मांगों में से एक थी पेंशन राशि को ₹7500 प्रति माह तक बढ़ाया जाए। फिलहाल, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के तहत प्राइवेट कर्मचारियों को केवल ₹1000 प्रति माह पेंशन मिलती है, जो 2014 में तय की गई थी। इससे पहले, पेंशन की राशि और भी कम थी, लेकिन उस बदलाव ने कर्मचारियों को कुछ राहत दी थी। अब समय आ गया है कि इस पेंशन को और बढ़ाकर कर्मचारियों को बेहतर वित्तीय सुरक्षा दी जाए।
पिछला बदलाव क्या था?
पिछली बार 2014 में सरकार ने इस पेंशन को ₹1000 प्रति माह निर्धारित किया था। उस समय के बाद से महंगाई में जबरदस्त वृद्धि हुई है, और ₹1000 की पेंशन अब पर्याप्त नहीं रह गई है। इसीलिए, कर्मचारियों की मांग है कि इसे ₹7500 प्रति माह किया जाए, ताकि वे रिटायरमेंट के बाद अपनी ज़िंदगी को आरामदायक बना सकें।
क्यों हो रही है यह मांग?
महंगाई और जीवन स्तर: पिछले कुछ वर्षों में महंगाई ने कई गुना वृद्धि की है। ₹1000 की पेंशन अब रिटायरमेंट के बाद बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए भी पर्याप्त नहीं है। कर्मचारियों का कहना है कि ₹7500 की पेंशन कम से कम उन्हें अपने आवश्यक खर्चों को पूरा करने में मदद करेगी।
स्वास्थ्य देखभाल और अन्य खर्चे: रिटायरमेंट के बाद अधिकांश कर्मचारियों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं उत्पन्न होती हैं। ₹7500 की पेंशन से वे अपने स्वास्थ्य देखभाल खर्चों को कवर कर सकते हैं।
सामाजिक सुरक्षा: कर्मचारियों का कहना है कि सरकार को उनके सामाजिक सुरक्षा को सुनिश्चित करना चाहिए, खासकर जब वे अपनी उम्र के उस पड़ाव पर हों, जब काम करने की क्षमता घटने लगती है।
किसने वित्त मंत्री से मुलाकात की?
कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधियों, जैसे आल इंडिया ट्रेड यूनियन्स कांग्रेस (AITUC) और भारतीय श्रमिक महासंघ (BMS) ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात की थी। इन संगठनों ने अपनी मांगों के साथ पेंशन बढ़ाने की बात की और सरकार से यह भी आग्रह किया कि प्राइवेट कर्मचारियों के लिए अन्य सुविधाओं में सुधार किया जाए।
इसमें क्या हो सकता है फायदा?
कर्मचारियों के जीवन स्तर में सुधार: ₹7500 की पेंशन से रिटायरमेंट के बाद जीवन की गुणवत्ता में सुधार होगा और कर्मचारियों को अपने बुनियादी खर्चों को पूरा करने में आसानी होगी।
कर्मचारी कल्याण में सुधार: कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद बेहतर और स्थिर जीवन जीने के लिए आवश्यक वित्तीय मदद मिलेगी।
सरकार की सामाजिक जिम्मेदारी: यह कदम सरकार द्वारा प्राइवेट कर्मचारियों के प्रति अपनी सामाजिक जिम्मेदारी को निभाने का एक तरीका होगा।
अगर केंद्र सरकार इस प्रस्ताव को बजट 2025 में शामिल करती है, तो यह प्राइवेट कर्मचारियों के लिए एक अहम कदम होगा। लंबे समय से इस बढ़ोतरी का इंतजार कर रहे कर्मचारियों को उम्मीद है कि सरकार उनकी स्थिति को समझेगी और उनकी जीवनशैली को बेहतर बनाने के लिए ठोस कदम उठाएगी।