रिकॉर्ड पर रहेगा दोषसिद्धि, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं करनी होगी
दी यंगिस्तान, नई दिल्ली।
Donald Trump: डोनाल्ड ट्रंप को बिना शर्त रिहाई की सज़ा दी गई है। इसका मतलब यह है कि उन्हें कोई सज़ा भुगतने की ज़रूरत नहीं है, लेकिन उनके खिलाफ दोष साबित हो चुका है और यह उनके रिकॉर्ड में दर्ज रहेगा।
केस की पूरी कहानी
क्या है मामला?
ट्रंप पर आरोप था कि उन्होंने अपनी कारोबारी रिकॉर्ड में गलत जानकारी दी। ये आरोप 34 बार की फेलोनी से जुड़े हैं। उन्होंने पूर्व पोर्न स्टार स्टॉर्मी डेनियल्स को पैसे देकर यह मामला छिपाने की कोशिश की थी।
ट्रंप का बचाव
ट्रंप ने कहा कि उन्होंने कुछ गलत नहीं किया। उनका दावा है कि यह सब राजनीतिक साजिश है। उन्होंने कोर्ट में कहा, “मैंने कुछ गलत नहीं किया। यह सब एक खेल है।”
कोर्ट में क्या हुआ?
वर्चुअल सुनवाई
ट्रंप ने सज़ा सुनने के लिए कोर्ट आने के बजाय अपने घर मार-ए-लागो से वीडियो के ज़रिए हिस्सा लिया। उनके वकील टॉड ब्लैंच उनके साथ थे।
क्या कहा ट्रंप ने?
ट्रंप ने कोर्ट में कहा कि उनके खर्चों को उनके एकाउंटेंट्स ने ठीक से दर्ज किया था। उन्होंने बताया, “कानूनी खर्च को कानूनी खर्च के रूप में ही लिखा गया था। इसे किसी और चीज़ की तरह पेश नहीं किया गया। फिर भी मुझे दोषी ठहराया गया।”
माइकल कोहेन पर निशाना
ट्रंप ने अपने पूर्व वकील माइकल कोहेन पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा, “माइकल कोहेन को ऐसे बात करने दी गई जैसे वे बहुत ईमानदार हों, लेकिन ऐसा नहीं है।”
कोर्ट की प्रक्रिया
सुप्रीम कोर्ट से उम्मीद खत्म
ट्रंप के वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट से सज़ा को टालने की गुहार लगाई, लेकिन कोर्ट ने 5-4 वोट से उनकी अपील खारिज कर दी।
बार-बार टलती सुनवाई
पहले यह सज़ा जुलाई 2024 में दी जानी थी, लेकिन तीन बार तारीख बदली गई। आखिरकार यह मामला 10 जनवरी 2025 को खत्म हुआ।
आगे क्या?
इस सज़ा का 2024 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव पर बड़ा असर हो सकता है। देखना होगा कि यह फैसला उनके राजनीतिक करियर को कैसे प्रभावित करता है।