325 अरब डॉलर कैश रिजर्व: वॉरेन बफे की मास्टर स्ट्रेटेजी
दी यंगिस्तान, नई दिल्ली़
warren buffett: दुनिया भर के बाजारों में इस साल उथल-पुथल मची हुई है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने टैरिफ को फिर से लागू कर दिया है, जिससे वैश्विक अर्थव्यवस्था में गहरा असर पड़ा है।
राजनीतिक और आर्थिक संकट के बीच, जहां तमाम अरबपतियों की संपत्ति घट रही है, वहीं एक शख्स ऐसा है, जिसने अपने 94वें साल में भी अद्भुत सफलता हासिल की है और वह किसी और नहीं, बल्कि निवेश के बादशाह वॉरेन बफे हैं।
वॉरेन बफे: एक अमूल्य निवेशक
ब्लूमबर्ग बिलेनियर्स इंडेक्स के मुताबिक, वॉरेन बफे ने इस साल 21.5 अरब डॉलर की संपत्ति बढ़ाई है। अब उनकी कुल संपत्ति 164 अरब डॉलर हो चुकी है, जिससे वह दुनिया के 6वें सबसे अमीर शख्स बन गए हैं।
इस साल उन्हें निवेश के मामले में सबसे बड़ा लाभ हुआ है, और उन्होंने न सिर्फ एलन मस्क, बल्कि भारत के मुकेश अंबानी और गौतम अडानी को भी पीछे छोड़ दिया है।
बर्कशायर हैथवे का धमाल
वॉरेन बफे की कंपनी बर्कशायर हैथवे के शेयरों की कीमत इस साल आसमान छू रही है। कंपनी के शेयरों में 16% की बढ़ोतरी हुई है, जो नैस्डैक कंपोजिट में आई 8% की गिरावट के मुकाबले बहुत बड़ी उपलब्धि है।
बफे की कंपनी को खासतौर पर बीमा कारोबार में भारी मुनाफा हुआ है, जिससे उनकी संपत्ति में इजाफा हुआ है।
कंपनी के पास बेशुमार कैश
बर्कशायर हैथवे के पास इस समय 325 अरब डॉलर का कैश है, जो दुनिया की सबसे बड़ी टेक कंपनियों के कैश से भी ज्यादा है। वॉरेन बफे ने पिछले साल ऐपल और बैंक ऑफ अमेरिका के शेयर बेचकर यह कैश जमा किया था।
इस बड़ी रकम से बफे नए निवेशों पर ध्यान देने के बजाय इक्विटी (कंपनियों में हिस्सेदारी) में निवेश करना पसंद करते हैं, और उनका मानना है कि इस रणनीति को वह जल्द नहीं बदलेंगे।
अंबानी और अडानी के लिए बुरा साल
इस साल मुकेश अंबानी और गौतम अडानी की संपत्ति में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई। बल्कि, उन्हें नुकसान उठाना पड़ा है।
मुकेश अंबानी की संपत्ति में 2.77 अरब डॉलर की कमी आई है, जबकि गौतम अडानी को 7.09 अरब डॉलर का नुकसान हुआ। इससे यह साफ है कि आर्थिक मंदी ने भारतीय उद्योगपतियों को भी पीछे धकेल दिया है, जबकि वॉरेन बफे जैसे अनुभवी निवेशक ने इस संकट को भी अपने पक्ष में मोड़ा।
94 साल की उम्र में वॉरेन बफे ने यह साबित कर दिया है कि उम्र सिर्फ एक संख्या होती है, असल में तो सफलता की कोई सीमा नहीं होती। उनकी रणनीतियाँ और निवेश की समझ ने उन्हें न केवल दुनिया के सबसे अमीर लोगों में जगह दिलाई, बल्कि एक प्रेरणा भी दी है कि किस तरह से सतत और समझदारी से निवेश करके आप किसी भी संकट से पार पा सकते हैं।
इस साल बफे ने अपने निवेश से न सिर्फ दूसरों को पछाड़ा, बल्कि यह भी दिखाया कि सही सोच और सही निवेश से कभी भी नया मुकाम हासिल किया जा सकता है।
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