First General Election
पहले लोकसभा चुनाव (first general election) में मीडिया ने मतदाताओं को शिक्षित करने में सराहनीय योगदान दिया। जन जन में चुनावों को लेकर रूचि जागृत किया। निर्वाचन आयोग की भारत में पहले आम चुनावों की रिपोर्ट (1951-52) (first general election) के अनुसार, साक्षरता के बढ़ने के साथ शक्तिशाली “चौथे स्तंभ” की जनता में चुनावी विषयों को लेकर रूचि पैदा करने और उसे लगातार बनाए रखने को लेकर भूमिका में निश्चित रूप से बढ़ोतरी होगी।
इसके साथ ही प्रेस मतदाताओं को चुनाव से संबंधित मुद्दों के साथ बुद्धिमत्ता और विवेकपूर्ण रूप से अपने मताधिकार के प्रयोग करने में सहायक होगी। इस रिपोर्ट में माना गया कि चुनाव आयोग को हमेशा से लोकतंत्र के चौथे खंभे से सहयोग और सहायता मिली है।
देश के नागरिकों को चुनाव के बारे में जागरूक करने के बारे में रिपोर्ट बताती है कि बड़ी संख्या में अनुभवहीन मतदाताओं को शिक्षित करने की आवश्यकता की इतनी अधिक थी कि केंद्र और राज्य सरकारों ने भी इस उद्देश्य के लिए कदम उठाएं।
निर्वाचन आयोग ने इस बात की पूरी सावधानी बरती कि सरकारी प्रचार किसी दल के प्रति झुकाव से पूरी तरह मुक्त हो। मतदाताओं को चुनाव संबंधी विषयों के बारे में शिक्षित करने के एकमेव उद्देश्य से वृतचित्रों की एक श्रृंखला समूचे देश में प्रदर्शित की गई।
50 के दशक की एक रिपोर्ट कहती है कि प्रसारण सुविधाओं को देश के पिछड़े क्षेत्रों में पहुंचने में अभी काफी प्रयास करने की जरूरत हैं। तिस पर भी उस समय (first general election) में चुनाव के विषय में प्रचार के मामले में रेडियो की भूमिका उल्लेखनीय रही थी। रिपोर्ट इस बात को स्वीकार करते हुए कहती है कि ऐसे में रेडियो चुनाव संबंधी प्रचार और व्यापक स्तर पर शिक्षण के मामले में काफी प्रभावी सिद्ध हुआ है।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने समय-समय पर विभिन्न मसलों जैसे लोकसभा चुनाव-लोकतंत्र का सबसे बड़ा प्रयोग,परिसीमन प्रस्ताव, चुनाव आयोजन,सरकारी मातहत और लोकतंत्र, मतदाता,महिला वोटर को शिक्षित करने की आवश्यकता , मीडिया-रेडियो और फिल्मों फिल्मों इत्यादि की भूमिका के बारे में रेडियो पर वार्ताओं की एक श्रृंखला में भाग लिया।
अनेक मुख्य चुनाव आयुक्तों ने संबंधित राज्यों में ऐसी समान चर्चाओं के प्रसारण में शामिल हुए। आकाशवाणी ने ग्रामीणों की आवश्यकताओं और रूचि के अनुरूप रोचक गैर दलीय वार्ताओं या बातचीत का प्रसारण किया।(first general election)
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