Raj kapoor biography राज कपूर (Raj Kapoor) और उनकी पत्नी कृष्णा (Krishna Kapoor) की मुलाकात की कहानी बहुत दिलचस्प है। राज कपूर कहते थे कि वो फिल्म ‘आग’ (AAG Movies) बनाने की योजना के दौरान सह-नायक प्रेमनाथ के घर उसके रोल के बारे में चर्चा करने गए थे। वो उनकी बहन कृष्णा को देखना चाहते थे। राज कपूर लिखते हैं कि परिवार के बड़ों ने मुझे कृष्णा के साथ विवाह के लिए कहा था। जैसे ही मैं घर में दाखिल हुआ, मैंने सितार की आवाज सुनी। मैं उस कमरे की ओर, जहाँ से ध्वनि आ रही थी, अपने आप खिंचा चला गया। जैसे ही मैं दरवाजे पर पहुंचा, कृष्णा को देखकर ठगा सा खड़ा रह गया।
कृष्णा की उम्र छोटी थी जब विवाह हुआ। राज कपूर की आत्मकथा में वो बताती हैं कि उस समय वो सोलह वर्ष की थी और राज कपूर इक्कीस के। मैं संगीत में अपनी व्यावहारिक परीक्षा देने की तैयारी कर रही थी । मुझे सितारे बजाने को कहा गया था। उन्होंने सितार की ध्वनि कमरे से आती सुनी और अंदर आ गए और मुझसे पूछा कि क्या वे मेरे संगीत अभ्यास में तबले के साथ जुगलबंदी कर सकते है।
भेंट की गीतांजलि
कृष्णा लिखती हैं कि शादी की रात ससुर (Prithviraj Kapoor) ने हमें रवींद्रनाथ टैगोर (rabindra nath tagore) द्वारा लिखी पुस्तक ‘गीतांजलि’ भेंट की। पुस्तक के पहले पन्ने पर हमारे लिए एक संदेश लिखा था- ‘राज और कृष्णा को उनकी सुहागरात पर। परमात्मा आप दोनों को इस दुनिया की तमाम खुशियां और इस धरती पर जो भी अच्छा और सुंदर है, बख्शे। हमारी दुआएं हमेशा और हमेशा के लिए आपके साथ हैं। बकौल कृष्णा, शादी के कुछ समय बाद उन्होंने निर्देशक केदार शर्मा के साथ अपनी पहली फिल्म ‘नीलकमल’ का अनुबंध किया। हमारी शादी में उथल-पुथल हुई, लेकिन अंत में हम दोनों को यह एहसास हो गया कि हम न तो एक-दूसरे के साथ और न ही एक दूसरे के बिना रह सकते हैं। हालांकि उन्होंने मुझे एक रानी की तरह रखा, पर मुझे उस वक्त बहुत ईर्ष्या होती थी, जब उनके चाहनेवाले और लड़कियां उनका पीछा करती थीं। यह मेरे लिए तब संभाल पाना बहुत कठिन था।