पद्मश्री गीता चंद्रन का वार्षिक नृत्य कार्यक्रम नाट्य वृक्ष द्वारा विश्व नृत्य दिवस (World Dance Day 2024) 20 और 21 अप्रैल, 2024 को मनाया जायेगा। इस वर्ष का 17 वां संस्करण भारतीय शास्त्रीय नृत्य की समृद्ध विरासत का जश्न मनाने के उद्देश्य से विभिन्न नृत्य शैलियों, कार्यशालाओं, सेमिनार और चर्चाओं के एक मनोरम प्रदर्शन का वादा करता है। इस वर्ष का विश्व नृत्य दिवस समारोह संस्कृति मंत्रालय और भारत अंतर्राष्ट्रीय केंद्र के सहयोग से आयोजित किया गया है।

गीता चंद्रन द्वारा संचालित, इस आयोजन में दो दिनों तक चलने वाला विविध कार्यक्रम शामिल है:

दिन 1: शनिवार, 20 अप्रैल, 2024:

सुबह का सत्र (सुबह 9:30 – दोपहर 1 बजे): असम के कलाकारों के साथ प्रतीक्षा सुरेश के नेतृत्व में “सत्त्रिया में मूवमेंट तकनीक” पर कार्यशाला सभी शास्त्रीय शैलियों के नर्तकियों के लिए अपने दरवाजे खोलती है।

दोपहर का सत्र (शाम 4 बजे): शाम को प्रसिद्ध नृत्य समीक्षक/विद्वान/लेखक श्रीमती लीला वेंकटरमन को भारतीय शास्त्रीय नृत्य के क्षेत्र में उनके समृद्ध योगदान के लिए सम्मानित करने के लिए 5वें नाट्य वृक्ष लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार समारोह का आयोजन किया जाएगा।

दोपहर का सत्र “सेलिब्रेटिंग रुक्मिणी देवी अरुंडेल” विषय पर चर्चा लेखिका डॉ. वी.आर. देविका के साथ उनकी नई पुस्तक “रुक्मिणी देवी अरुंडेल, आर्ट्स रिवाइवलिस्ट एंड इंस्टीट्यूशन बिल्डर” पर (प्रकाशक: नियोगी बुक्स) के साथ समाप्त होगी

शाम का सत्र (शाम 6:30 बजे): गुरु श्रीमती रोजा कन्नन के शिष्य वैष्णवी श्रीनिवासन और निवेधा हरीश द्वारा भरतनाट्यम की प्रस्तुति युवा नर्तकियों के साथ तथा स्वर्गीय गुरु श्री मुन्नालाल शुक्ल की शिष्या दिव्या गोस्वामी द्वारा मनमोहक कथक की प्रस्तुति।

दिन 2: रविवार, 21 अप्रैल, 2024:

सुबह का सत्र (सुबह 9:30 – दोपहर 1 बजे): प्रतिशा सुरेश और उनकी मंडली के नेतृत्व में “सत्त्रिया में मूवमेंट तकनीक” पर कार्यशाला का विस्तार।

दोपहर का सत्र (शाम 4:00 बजे): गीता चंद्रन द्वारा संचालित “शास्त्रीय नृत्य में विरासत” पर सेमिनार में पैनलिस्ट डॉ. अनीता रत्नम, श्रीमती रोजा कन्नन, श्रीमती इंदिरा कदंबी, डॉ. नीना प्रसाद और श्रीमती प्रतीशा सुरेश शामिल होंगी।

शाम का सत्र (शाम 6:30 बजे): युवा नर्तक महोत्सव में गुरु डॉ. नीना प्रसाद की शिष्या थोमा वो वान ताओ द्वारा मोहिनीअट्टम और गुरु श्रीमती  इंदिरा कदंबी की शिष्या मीरा श्रीनारायणन द्वारा भरतनाट्यम जैसी विभिन्न नृत्य शैलियों की प्रस्तुति होगी।

स्थान:

कार्यशालाएं IIC, मल्टीपर्पज हॉल, कमलादेवी ब्लॉक, गेट नंबर 1, नई दिल्ली में आयोजित की जाएगी

सेमिनार और प्रदर्शनी: सी.डी. देशमुख ऑडिटोरियम, आईआईसी, 40 लोदी एस्टेट, नई दिल्ली में सेमिनार, व्याख्यान और प्रदर्शन आयोजित किए जाएंगे।

इस अवसर पर, इस शानदार कार्यक्रम की क्यूरेटर और नाट्य वृक्ष की संस्थापक, नृत्यांगना गीता चंद्रन ने कहा, “नाट्य वृक्ष का जन्म केवल नृत्य के प्रति प्रेम से नहीं हुआ था, बल्कि एक समूह बनाने की आवश्यकता से हुआ था – एक ऐसा स्थान जहां सभी शैलियों के नर्तक एक साथ आ सकती हैं, अपनी यात्राएँ साझा कर सकती हैं और एक दूसरे का समर्थन कर सकती हैं। यह बाधाओं को तोड़ने, युवा प्रतिभाओं को सशक्त बनाने और उन अविश्वसनीय कलाकारों का जश्न मनाने के बारे में है जिन्होंने इस कला के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया है।”

नाट्य वृक्ष की स्थापना कार्यशालाओं, सेमिनार और प्रदर्शनी के माध्यम से भारतीय शास्त्रीय नृत्य शैलियों को संरक्षित और बढ़ावा देने की दृष्टि से की गई थी। यह संगठन नर्तकियों और उत्साही लोगों को इस जीवंत कला रूप को सीखने, जुड़ने और जश्न मनाने के लिए एक मंच प्रदान करता है।

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