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shark tank india: किताबें अब बोरिंग नहीं, मजेदार! इस स्टार्टअप ने शार्क्स को कर दिया हैरान! रितेश ने किया ₹1 करोड़ का निवेश!”

दी यंगिस्तान, नई दिल्ली।

shark tank india: शार्क टैंक इंडिया के चौथे सीजन में एक ऐसा स्टार्टअप पेश हुआ जिसने किताबों के प्रति लोगों की उदासीनता को चुनौती दी। जी हां, हम बात कर रहे हैं Zebralearn की, जो किताबों के जटिल कॉन्सेप्ट्स को सरल और आकर्षक तरीके से प्रस्तुत करता है। इस स्टार्टअप के संस्थापक हैं सूरत के भाई-बहन अनुराग और राधिका, जिन्होंने इस व्यवसाय को एक नई दिशा दी है।

Zebralearn की शुरुआत

Zebralearn की शुरुआत अगस्त 2020 में हुई, और इसका उद्देश्य था किताबों को मजेदार और दिलचस्प बनाना। अनुराग और राधिका दोनों फाइनेंस बैकग्राउंड से हैं। शुरुआत में उनका फोकस बिजनेस कोर्स पर था, लेकिन बाद में उन्होंने इसे किताबों की ओर मोड़ दिया। आज Zebralearn के पास 25 किताबें हैं, जिनमें से 4 मैथ्स की किताबें और 8 Zebralearn की अपनी किताबें हैं। इन किताबों को एक्सपर्ट्स द्वारा लिखा गया है, और बाकी की किताबें अलग-अलग लेखकों द्वारा लिखी गई हैं।

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क्या है खास इन किताबों में?

Zebralearn की किताबों में एक खास बात यह है कि इनमें अत्यधिक टेक्स्ट की बजाय चित्र, चार्ट और अन्य विज़ुअल एलिमेंट्स का इस्तेमाल किया जाता है। ये किताबें बोरिंग नहीं लगतीं, बल्कि पढ़ने वाले को उन्हें पढ़ने में दिलचस्पी होती है। यही कारण है कि Zebralearn की किताबें बच्चों से लेकर युवाओं तक सभी के बीच लोकप्रिय हो रही हैं। इससे बच्चों को मुश्किल से मुश्किल कॉन्सेप्ट्स भी आसानी से समझ में आते हैं।

Zebralearn की सफलता की कहानी

Zebralearn ने 2021-22 में 10 लाख रुपये की सेल की, लेकिन उस दौरान कंपनी को 10 लाख रुपये का नुकसान भी हुआ। हालांकि, अगले साल 2022-23 में कंपनी ने 3.05 करोड़ रुपये की सेल की और 40 लाख रुपये का प्रॉफिट कमाया। उसके बाद 2023-24 में कंपनी ने 10.70 करोड़ रुपये की सेल की, लेकिन मुनाफा महज 5-6 लाख रुपये रहा। इस साल की पहली छमाही में कंपनी ने 7.48 करोड़ रुपये का बिजनेस किया, लेकिन इसमें 20 लाख रुपये का नुकसान हुआ। फिर भी इस साल कंपनी को 22 करोड़ रुपये की सेल का अनुमान है।

फंडिंग और निवेश

अब तक Zebralearn ने 3.75 करोड़ रुपये की फंडिंग जुटाई है। पहला फंडिंग राउंड दिसंबर 2021 में हुआ था, जिसमें कंपनी ने 1 करोड़ रुपये जुटाए। दूसरा राउंड मई 2023 में हुआ, जिसमें 2.75 करोड़ रुपये का निवेश प्राप्त हुआ। वर्तमान में कंपनी के बैंक अकाउंट में 2.60 करोड़ रुपये हैं। इसकी आधी सेल अपनी वेबसाइट से और बाकी की सेल Amazon से होती है। हालांकि, रिपीट रेट केवल 10% है, जो कि कंपनी के लिए एक चुनौती बन सकती है।

Shark Tank India में फंडिंग का मौका

इस स्टार्टअप को शार्क टैंक इंडिया में अपने विचार प्रस्तुत करने का मौका मिला, और फाउंडर्स ने 0.8% इक्विटी के बदले 1 करोड़ रुपये की फंडिंग की मांग की। जहां कुणाल, नमिता, अनुपम और अमन ने इस स्टार्टअप में कोई फंडिंग देने का निर्णय नहीं लिया, वहीं रितेश ने इस स्टार्टअप को 1 करोड़ रुपये का निवेश देने का ऑफर किया। इसके बदले वह 1.6% इक्विटी चाहते थे, जिसे फाउंडर्स ने खुशी-खुशी स्वीकार कर लिया।

Zebralearn का सफर एक प्रेरणा है कि कैसे दो भाई-बहन ने अपने विचारों और कड़ी मेहनत से किताबों को पढ़ने के तरीके को पूरी तरह से बदल दिया। इस स्टार्टअप ने न सिर्फ किताबों को मजेदार और आसान बनाया, बल्कि एक बड़े व्यवसाय में भी तब्दील कर दिया। रितेश का 1 करोड़ रुपये का निवेश Zebralearn के लिए एक बड़ा कदम है, और यह आने वाले समय में इस स्टार्टअप को नई ऊंचाइयों तक ले जा सकता है।

क्या आप भी किताबों को पढ़ने का तरीका बदलना चाहेंगे? Zebralearn का फॉलो करना एक बेहतरीन शुरुआत हो सकती है!

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