1971 Indian general election पहले साथ होते थे लोकसभा-विधानसभा चुनाव, कांग्रेस की वजह से हुआ बदलाव
1971 Indian general election: पहली बार लोकसभा तय समय से एक साल पहले ही भंग कर दी गई और मध्यावधि चुनाव कराए गए। इंदिरा गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस (आर) विजयी हुई। पार्टी ने 518 लोकसभा सीटों में से 352 हासिल की। कांग्रेस (ओ) के हिस्से महज 16 सीटें आईं। इंदिरा ने राष्ट्रीय मुद्दों पर चुनाव लड़ा था।
1971 Indian general election, खास बातें
1-10 मार्च के बीच हुआ चुनाव
15,12,96,749 लोगों ने किया मतदान (55.2 प्रतिशत)
30 लाख कम था यह आंकड़ा 1967 के लोकसभा चुनाव से
518 सीटों के लिए चुनाव में 2,784 उम्मीदवार मैदान में थे
एक देश, एक चुनाव
1951-1952 में स्वतंत्र भारत में पहली बार एकसाथ लोकसभा और विधानसभा चुनाव कराए गए। यह प्रथा 1960 के अंत तक जारी रही। हालांकि, 1971 के आम चुनाव ने चुनावों की पिछली प्रथा को पूरी तरह से तोड़ दिया। चुनाव की तारीखों को एक साल के लिए आगे बढ़ाने की वजह से राष्ट्रीय व राज्य अनुसूचियो को अलग कर दिया, क्योंकि कई विधानसभाओं का कार्यकाल अभी समाप्त नहीं हुआ था।
बदले चिह्न से लड़ा चुनाव
यह पहला चुनाव था, जब आजादी के बाद पहली बार कांग्रेस पार्टी (कांग्रेस आर और काग्रेस ओ) दो भागों में बंटी थी। इंदिरा गाधी के नेतृत्व वाली पार्टी का चुनाव चिह्न गाय का दूध पीता बछड़ा था। कांग्रेस ओ का चुनाव चरखा चला रही महिला थी।
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