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हैंड-वाशेबल, एस्थेटिक और प्रैक्टिकल रग्स से भारत के हर घर में “Easy Touch” लाना चाहते हैं हरनाम और समर

दी यंगिस्तान, नई दिल्ली।

Shark Tank India के हालिया एपिसोड में दिल्ली के युवा उद्यमी जोड़े हरनाम और समर ने अपने स्टार्टअप Easy Rugs की अनोखी पेशकश से न सिर्फ शार्क्स बल्कि दर्शकों को भी चौंका दिया। जहां रग्स को लेकर अक्सर सफाई और मेंटेनेंस की शिकायतें होती हैं, वहीं Easy Rugs एक ऐसा समाधान लेकर आया है जो सुंदरता और सुविधा दोनों का संगम है।

शुरुआत एक इंटीरियर डिज़ाइन एक्सपो से

हरनाम पेशे से एक इंटीरियर डिजाइनर हैं और समर पहले एक वकील थे। एक बार हरनाम ने समर को एक रग एक्सपो में ले जाया, जहां उन्होंने देखा कि भारत में बने रग्स एक्सपोर्ट तो हो रहे हैं, लेकिन देश में इनकी स्वीकार्यता बहुत कम है। यही वह मोड़ था जब उन्होंने तय किया कि वे इस सेक्टर में कुछ अलग करेंगे — और इस तरह Easy Rugs का विचार जन्मा।

Easy Rugs क्या है?

Easy Rugs भारत का पहला ऐसा ब्रांड है जो हैंड-वाशेबल, 100% एंटी-स्लिप, पेट-फ्रेंडली और एस्थेटिक रग्स बनाता है। इन रग्स की सबसे खास बात यह है कि इन्हें चाय, कॉफी या केचप गिरने के बाद भी सिर्फ साबुन और पानी से 2 मिनट में साफ किया जा सकता है।

रग्स की विशेषताएं

  • हैंड वाशेबल: मशीन की ज़रूरत नहीं।
  • पेट फ्रेंडली: फाइबर ऐसा है जिससे जानवरों को नुकसान नहीं होता।
  • एंटी-स्लिप बैकिंग: रग्स फिसलते नहीं।
  • फैब्रिक: PET बोतलों से बना सस्टेनेबल मटेरियल।
  • डिजाइन: ट्रेंडी और मॉडर्न लुक के लिए खास तौर पर डिजाइन किए गए।

कैसे काम करता है Easy Rugs का सफाई सिस्टम?

शो में हरनाम ने लाइव डेमो किया, जिसमें उन्होंने रग्स पर केचप और कॉफी डाली और फिर डिटर्जेंट स्प्रे करके सॉफ्ट ब्रश से उसे साफ किया। कुछ ही मिनटों में रग बिलकुल साफ और नया जैसा दिखने लगा — जिससे शार्क्स भी प्रभावित हुए।

मार्केट की संभावनाएं और बिजनेस मॉडल

  • भारतीय रग्स और कारपेट का कुल मार्केट साइज करीब ₹2000 करोड़ है, जिसमें से लगभग 20% ई-कॉमर्स से आता है।
  • Easy Rugs ने अब तक 1200+ रग्स बेच दिए हैं, और ये लगभग 800 घरों में उपयोग हो रहे हैं।
  • स्टार्टअप की अब तक की कुल सेल ₹83 लाख है, और सितंबर में ₹8.2 लाख की मासिक बिक्री हुई थी।
  • AOV (Average Order Value): ₹8400
  • यूनिट इकोनॉमिक्स के अनुसार कंपनी का मिनिमम मैन्युफैक्चरिंग कॉस्ट लगभग 38% है, शिपिंग 5%, मार्केटिंग 8.7% और अन्य खर्च मिलाकर 30% तक। कंपनी करीब 2.5 लाख रुपए प्रतिमाह का मुनाफा कमा रही है।

Easy Rugs की सेल पूरी तरह D2C (Direct-to-Customer) है और वेबसाइट के माध्यम से होती है। अभी तक कोई भी मार्केटप्लेस (Amazon, Flipkart आदि) पर नहीं हैं।

Shark Tank India पर पिच और शार्क्स की प्रतिक्रिया

हरनाम और समर ने ₹35 लाख के बदले 5% इक्विटी की मांग की थी।

शार्क्स की राय:

  • विनीता सिंह ने कहा कि यह कैटेगरी रेयर है और ब्रांडिंग स्ट्रॉन्ग हो सकती है।
  • अमन गुप्ता ने नाम ‘Easy Rugs’ को कमजोर ब्रांड नाम बताया और ‘House of Easy’ जैसे नाम पर सुझाव दिया।
  • पीयूष बंसल ने ब्रांड में स्केलेबिलिटी देखी लेकिन फोकस की कमी और ब्रांड पोजिशनिंग के कारण निवेश नहीं किया।
  • अनुपम मित्तल और नमिता थापर ने भी ब्रांड स्ट्रेंथ और यूएसपी पर सवाल उठाया।

फाइनल डील: विनीता और अमन ने मिलकर ₹35 लाख में 5% इक्विटी और 5% रॉयल्टी (टोटल रिटर्न ₹52.5 लाख तक) की डील ऑफर की, जिसे फाउंडर्स ने स्वीकार किया।

ब्रांड नेम, फ्यूचर और विस्तार की योजना

हालांकि ‘Easy Rugs’ नाम को कुछ शार्क्स ने हल्का माना, लेकिन फाउंडर्स ने बताया कि वे पहले से ही HouseOfEasy.com डोमेन खरीद चुके हैं और भविष्य में उसी नाम से एक संपूर्ण सॉफ्ट फर्निशिंग ब्रांड बनाना चाहते हैं।

आने वाले प्रोडक्ट्स में:

  • कुशन कवर
  • टेबल रनर्स
  • अपहोलस्ट्री आइटम्स

टारगेट: अगले 5 वर्षों में ₹50 करोड़ रेवेन्यू तक पहुंचने का लक्ष्य, जिसमें रग्स के साथ अन्य होम डेकोर उत्पाद भी शामिल होंगे।

चुनौतियां और संभावनाएं

चुनौतियां:

  • ब्रांडिंग को और मजबूती देने की ज़रूरत।
  • मार्केट में कई रग मैन्युफैक्चरर्स हैं जो कॉपी कर सकते हैं।
  • अभी केवल वेबसाइट पर मौजूद, मार्केटप्लेस एक्सपोज़र नहीं है।

संभावनाएं:

  • डिजाइन और क्लीनिंग टेक्नोलॉजी का यूएसपी बहुत यूनिक है।
  • भारत में प्रीमियम लेकिन मेंटेनेबल होम डेकोर की डिमांड तेजी से बढ़ रही है।
  • सस्टेनेबल मटेरियल्स और पेट-फ्रेंडली प्रोडक्ट्स को लेकर जागरूकता बढ़ रही है।

Easy Rugs – एक ऐसा स्टार्टअप जो घर को सुंदर बनाने के साथ-साथ उसे साफ-सुथरा और एलर्जी-फ्री रखने का आसान तरीका देता है

हरनाम और समर ने अपने विज़न, प्रेजेंटेशन और डिजाइन सेंस से यह साबित कर दिया कि अगर सही सोच और कड़ी मेहनत हो तो किसी भी नज़रअंदाज़ की गई कैटेगरी को एक बड़ा ब्रांड बनाया जा सकता है। Easy Rugs केवल एक प्रोडक्ट नहीं, बल्कि आज के शहरी भारतीयों के लिए एक जरूरत है।

आपका क्या मानना है — क्या Easy Rugs भारत में प्रीमियम होम डेकोर मार्केट को बदल पाएगा? अपनी राय हमें कमेंट में बताएं।

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