सफलता का रहस्य: बिना रुके कर्म करें!
दी यंगिस्तान, नई दिल्ली।
Motivational quotes: श्रीमद्भगवद्गीता केवल एक धार्मिक ग्रंथ नहीं, बल्कि जीवन जीने की कला सिखाने वाली मार्गदर्शिका है। इसमें दिए गए श्लोक न केवल आध्यात्मिक उन्नति में मदद करते हैं बल्कि सफलता, आत्मबल और सकारात्मकता का भी मार्ग दिखाते हैं। आइए जानते हैं गीता के 10 सबसे प्रेरणादायक श्लोक और उनके अर्थ, जो आपकी जिंदगी को बदल सकते हैं!
1.
कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन।
(Karmaṇy-evādhikāras te mā phaleṣu kadācana)
अर्थ: तुम्हें केवल कर्म करने का अधिकार है, फल की चिंता मत करो।
2.
योगस्थः कुरु कर्माणि सङ्गं त्यक्त्वा धनंजय।
(Yogasthaḥ kuru karmāṇi saṅgaṁ tyaktvā dhanañjaya)
अर्थ: हे अर्जुन! आसक्ति को त्यागकर योग में स्थित होकर कर्म करो।
3.
उद्धरेदात्मनात्मानं नात्मानमवसादयेत्।
(Uddhared ātmanātmānaṁ nātmānam avasādayet)
अर्थ: मनुष्य को स्वयं अपना उद्धार करना चाहिए, स्वयं को गिराना नहीं चाहिए।
4.
श्रेयान्स्वधर्मो विगुणः परधर्मात्स्वनुष्ठितात्।
(Śreyān svadharmo viguṇaḥ paradharmāt svanuṣṭhitāt)
अर्थ: अपने धर्म में दोष होते हुए भी उसका पालन करना श्रेष्ठ है।
5
समत्वं योग उच्यते।
(Samatvaṁ yoga ucyate)
अर्थ: समभाव ही योग कहलाता है।
6
न हि कश्चित्क्षणमपि जातु तिष्ठत्यकर्मकृत्।
(Na hi kaścit kṣaṇam api jātu tiṣṭhaty akarmakṛt)
अर्थ: कोई भी व्यक्ति एक क्षण भी कर्म किए बिना नहीं रह सकता।
7.
मन्मना भव मद्भक्तो मद्याजी मां नमस्कुरु।
(Man-manā bhava mad-bhakto mad-yājī māṁ namaskuru)
अर्थ: मेरा स्मरण कर, मेरा भक्त बन, मेरी पूजा कर और मुझे प्रणाम कर।
8.
विद्या विनयसम्पन्ने ब्राह्मणे गवि हस्तिनि।
(Vidyā-vinaya-sampanne brāhmaṇe gavi hastini)
अर्थ: ज्ञानी व्यक्ति ब्राह्मण, गाय, हाथी और कुत्ते में समान दृष्टि रखता है।
9.
सुखदुःखे समे कृत्वा लाभालाभौ जयाजयौ।
(Sukha-duḥkhe same kṛtvā lābhālābhau jayājayau)
अर्थ: सुख-दुःख, लाभ-हानि और जीत-हार को समान मानकर कर्म कर।
10.
नयं लोकोऽस्त्ययज्ञस्य कुतोऽन्यः कुरुसत्तम।
(Na yaṁ loko’styayajñasya kuto’nyaḥ kuru-sattama)
अर्थ: जो यज्ञ (कर्तव्य) नहीं करता, उसे इस लोक में और परलोक में सुख नहीं मिलता।ये श्लोक न केवल प्रेरणा देते हैं, बल्कि जीवन को सही दिशा में ले जाने की शिक्षा भी देते हैं।