विभाग ने विज्ञापन जारी कर लोगों से अपने बैंक की जानकारी नहीं देने की गुजारिश की
दी यंगिस्तान, नई दिल्ली।
दिल्ली सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग ने एक सार्वजनिक विज्ञापन जारी कर मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी साझा की है। विभाग ने साफ तौर पर कहा कि दिल्ली सरकार ने किसी भी तरह की मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना को अधिसूचित नहीं किया है, जिसे कुछ राजनीतिक दलों द्वारा 2100 रुपये प्रति माह देने का दावा किया जा रहा है।
महिला एवं बाल विकास विभाग के सार्वजनिक नोटिस में बताया गया कि इस योजना के तहत पंजीकरण के लिए कोई भी फॉर्म या आवेदन स्वीकार नहीं किया जा सकता है, क्योंकि ऐसी कोई योजना मौजूद ही नहीं है। विभाग ने नागरिकों से आग्रह किया है कि वे इस प्रकार के फर्जी फॉर्मों से दूर रहें और किसी भी स्थिति में अपनी व्यक्तिगत जानकारी या बैंक विवरण न दें।
विभाग ने साइबर ठगी के खतरे के बारे में भी चेतावनी दी और कहा कि किसी भी व्यक्ति या राजनीतिक दल द्वारा इस योजना के नाम पर जानकारी एकत्र करना धोखाधड़ी है। विभाग ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि कोई व्यक्ति ऐसे फॉर्म/आवेदन एकत्र कर रहा है, तो वह किसी प्रकार की धोखाधड़ी का हिस्सा हो सकता है।
महिला एवं बाल विकास विभाग ने दिल्लीवासियों से अपील की है कि वे किसी भी धोखाधड़ी से बचने के लिए सतर्क रहें और किसी भी तरह की व्यक्तिगत जानकारी, खासकर बैंक खाता विवरण, साझा न करें।
बैंक विवरण न दें, साइबर धोखाधड़ी से बचें विभाग ने इस विज्ञापन के माध्यम से नागरिकों को सतर्क रहने और साइबर ठगी से बचने की चेतावनी दी है, जिससे लोग इस फर्जी योजना के जाल में फंसने से बच सकें।
क्या कहा है महिला एवं बाल विकास विभाग ने
दिल्ली सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग ने एक सार्वजनिक नोटिस में कहा है कि उसे मीडिया रिपोर्ट्स और सोशल मीडिया पोस्ट के माध्यम से जानकारी मिली है कि एक राजनीतिक दल ‘मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना’ के तहत दिल्ली की महिलाओं को 2100 रुपये प्रति माह देने का दावा कर रहा है। महिला एवं बाल विकास विभाग ने आज राष्ट्रीय समाचार पत्रों में जारी सार्वजनिक नोटिस में कहा, “यह स्पष्ट किया जाता है कि दिल्ली सरकार द्वारा ऐसी कोई योजना अधिसूचित नहीं की गई है।” “इस बात पर जोर दिया जाता है कि चूंकि ऐसी कोई योजना अस्तित्व में नहीं है, इसलिए इस गैर-मौजूद योजना के तहत पंजीकरण के लिए फॉर्म/आवेदन स्वीकार करने का सवाल ही नहीं उठता। कोई भी निजी व्यक्ति/राजनीतिक दल जो इस योजना के नाम पर फॉर्म/आवेदन एकत्र कर रहा है या आवेदकों से जानकारी एकत्र कर रहा है, वह धोखाधड़ी कर रहा है और उसके पास कोई अधिकार नहीं है” :
महिला एवं बाल विकास विभाग, दिल्ली सरकार