अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP)ने एक बयान जारी कर कहा है कि जेएनयूएसयू और कट्टरपंथी वामपंथी दलों ने एक बार फिर से जेएनयू में सीसीटीवी कैमरे का विरोध शुरू कर दिया है। एबीवीपी ने आरोप लगाया कि 30 नवंबर को जेएनयू के स्कूल ऑफ लैंग्वेज लिट्रेचर और कल्चरल स्ट्डीज और स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज के दीवारों पर ब्राह्मणों और बनियों के खिलाफ जो आपत्तिजनक टिपण्णी लिखी गई थी, उसमे भी इन्ही वाम दलों और उनके सहयोगियों का हाथ था। बताते चले की ये पहली बार नहीं है, जब जेएनयू में इस तरीके की घटना हो रही है। जेएनयू के दिवारो पर कई बार जातिसूचक शब्द लिखे जा चुके हैं।

दिल्ली हाई कोर्ट ने अपने एक फैसले में कहा था कि जेएनयू के तमाम पब्लिक प्लेसेज पर सीसीटीवी कैमरा इंस्टॉल किए जाएं।” इस फैसले को जब जेएनयू प्रशासन ने लाकडाउन और कोरोना के बीच में 2020 और 2021 के शुरुआत में लागू करने की कोशिश की, तो वामपंथी संगठनो ने विरोध किया। आखिरकार कमजोर और लाचार जेएनयू प्रशासन को वामपंथी संगठनों के सामने झुकना पड़ा। जेएनयू के हॉस्टलों में सीसीटीवी लगाने के योजना को स्थाई रूप से स्थगित कराना पड़ा।

सीसीटीवी कैमरा क्यूं है जरूरी:

–जेएनयू जैसे प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय, जो अपने रिसर्च, डिबेट और डिसेंट के कल्चर को लेकर जाना जाता है, वहा पर छात्राएं असुरक्षित हैं।

–छात्राओं और महिलाओं के सुरक्षा को दरकिनार नहीं किया जा सकता।

–आगे से पब्लिक प्रॉपर्टी को कोई हानि न हों, इस बात को ध्यान में रखना होगा।

–कोई आसामाजिक तत्व कैंपस के सुरक्षा व्यवस्था को खराब न कर सके, इसलिए भी सीसीटीवी जरूरी है।

–वर्तमान में कैंपस के छात्रों को बाहर के लोगों से अलग बताने में मददगार होगा सीसीटीवी।

–आगे अगर कोई बड़ी घटना हो, तो दोषियों को पहचान करने में मददगार है सीसीटीवी।

–सीसीटीवी कैमरे की मदद से टुकड़े टुकड़े गैंग और एंटी इंडिया एलिमेंट्स की निरंकुशता को लगाम लगाने में मदद मिलेगी।

इस मामले में एबीवीपी के अध्यक्ष रोहित कुमार का कहना है कि,” जेएनयू जैसे प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय में सीसीटीवी कैमरे का लगना अति आवश्यक है। अगर यह वामपंथी इस देश को तोड़ने वाली गतिविधि में सम्मिलित नहीं है तो फिर इन्हें किस बात का डर है। डर तो उन्हें होता है जो कुछ गलत काम करते हैं, अगर ये समाज और देश तोड़ने वाले गिरोह खुद बार-बार मीडिया में आकर करते हैं कि हमने इस तरह के किसी भी घटना को अंजाम नहीं दिया है तो फिर ये लोग सीसीटीवी कैमरे का विरोध क्यों कर रहे हैं? जेएनयू के सभी पब्लिक प्लेस पर सीसीटीवी कैमरे का लगना अति आवश्यक है।

वहीं इकाई मंत्री उमेश चंद्र अजमीरा का कहना है कि,”राइट टू प्राइवेसी अपनी जगह है लेकिन पब्लिक प्लेस पर सिक्योरिटी अपनी जगह है। अगर जेएनयू में पब्लिक प्लेस पर सीसीटीवी कैमरे नहीं लगेंगे तो आने वाले समय में इस तरह की घटनाएं होती रहेंगी और हमारे पास कभी भी कोई ठोस सबूत नहीं रहेगा कि इस तरह के समाज को तोड़ने वाली घटनाओं को कौन सा कौन से लोग अंजाम दे रहे हैं। अगर ये टुकड़े-टुकड़े गिरोह इस तरह की घटनाओं को अंजाम नहीं दे रहे तो फिर इन्हें किस बात का डर लग रहा है?यह क्यों बार-बार जेएनयू जैसी प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय में सीसीटीवी कैमरा का विरोध करते आ रहे हैं? हम जेएनयू प्रशासन से अनुरोध करते हैं कि वह जल्द से जल्द जेएनयू के सभी पब्लिक ड्रेसेस पर सीसीटीवी कैमरे को इंस्टॉल करें और कैंपस में शांति का माहौल स्थापित करें।”

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