बढ़ते कर्ज के बोझ से तनाव से गुजरती है जिंदगी
दी यंगिस्तान, नई दिल्ली।
Debt Management Tips: क्रेडिट कार्ड और अन्य कर्ज से जुड़े एनपीए (नॉन-परफॉर्मिंग एसेट्स) के आंकड़े तेजी से बढ़ रहे हैं। आरबीआई के अनुसार, मार्च 2020 में क्रेडिट कार्ड एनपीए ₹2,404 करोड़ थे, जो जून 2024 तक 136% बढ़कर ₹5,679 करोड़ हो गए। यह समस्या केवल आंकड़ों तक सीमित नहीं है। बढ़ते कर्ज का बोझ न केवल आर्थिक तनाव बढ़ा रहा है, बल्कि मानसिक और सामाजिक समस्याओं को भी जन्म दे रहा है।
कर्ज से बाहर निकलने के आसान और व्यावहारिक तरीके:
थोड़ी समझदारी और सही योजना बनाकर आप कर्ज से बाहर निकल सकते हैं। नीचे दिए गए उपाय न केवल आपको राहत देंगे, बल्कि आपको आर्थिक रूप से मजबूत भी बनाएंगे। आइए जानते हैं:
1. डेट एवेलांच पद्धति: पहले महंगा कर्ज चुकाएं
यह तरीका उनके लिए है जो रणनीतिक रूप से कर्ज से निपटना चाहते हैं। पहले अपने सभी कर्ज को ब्याज दर के आधार पर क्रम में लगाएं। सबसे ऊंची ब्याज दर वाले कर्ज को प्राथमिकता दें और बाकी कर्ज की न्यूनतम किश्त चुकाते रहें।
- फायदे:
- कुल ब्याज का बोझ घटता है।
- क्रेडिट स्कोर भी सही रहता है।
- विशेषज्ञ की राय: एसोसिएशन ऑफ रजिस्टर्ड इन्वेस्टमेंट एडवाइजर्स (ARIA) के जिगर पटेल कहते हैं, “ऊंची ब्याज दर वाले कर्ज को पहले चुकाने से आपका कुल ब्याज कम हो जाता है और क्रेडिट स्कोर पर कोई नकारात्मक असर नहीं पड़ता।”
2. डेट स्नोबॉल पद्धति: छोटे कर्ज पहले निपटाएं
अगर आप छोटे-छोटे लक्ष्यों को प्राप्त कर आत्मविश्वास बढ़ाना चाहते हैं, तो यह तरीका आपके लिए है। सबसे छोटे कर्ज को पहले निपटाएं और फिर अगले पर ध्यान दें।
- सावधानियां: यह तरीका ब्याज दर पर ध्यान नहीं देता, जिससे कुल लागत थोड़ी अधिक हो सकती है। लेकिन मनोवैज्ञानिक दृष्टिकोण से यह प्रभावी है।
- विशेषज्ञ की राय: पटेल कहते हैं, “कर्ज केवल गणितीय समस्या नहीं है, यह व्यवहार और मानसिकता से भी जुड़ा है। छोटे कर्ज चुकाने से आत्मविश्वास बढ़ता है और प्रेरणा मिलती है।”
3. क्रेडिट कार्ड बैलेंस ट्रांसफर: महंगे कर्ज को सस्ते में बदलें
अगर आपके क्रेडिट कार्ड का कर्ज बढ़ रहा है, तो इसे कम ब्याज दर वाले कार्ड पर ट्रांसफर करें। इससे आपको अपनी मुख्य रकम चुकाने का समय मिल जाएगा।
- उदाहरण: कई क्रेडिट कार्ड कंपनियां शुरुआती 6 महीनों के लिए 0.99% तक की ब्याज दर ऑफर करती हैं।
- विशेषज्ञ की राय: हुम फौजी इनिशिएटिव्स के सीईओ कर्नल संजीव गोविला (रिटायर्ड) कहते हैं, “बैलेंस ट्रांसफर से आप महंगे कर्ज को सस्ते कर्ज में बदल सकते हैं, जिससे आपका मासिक बजट संतुलित होता है।”
4. डेट कंसॉलिडेशन: सभी कर्ज को एक जगह लाएं
यदि आपके पास कई कर्ज हैं, तो उन्हें एक नए लोन के जरिए समेट लें। इससे आपको कम ब्याज दर पर ईएमआई चुकाने का फायदा होगा।
- फायदे:
- हर महीने अलग-अलग किश्तों के झंझट से छुटकारा।
- ईएमआई ट्रैक करना आसान।
- विशेषज्ञ की राय: बैंकबाजार के सीईओ आदिल शेट्टी कहते हैं, “डेट कंसॉलिडेशन आपके सभी कर्ज को एक जगह लाकर आसान बनाता है। इससे आप बेहतर वित्तीय योजना बना सकते हैं।”
वसूली एजेंट से परेशान हैं? ये हैं आपके अधिकार
यदि आप ईएमआई चुकाने में असमर्थ हैं और वसूली एजेंट आपको परेशान कर रहे हैं, तो यह जानना महत्वपूर्ण है कि आपके अधिकार क्या हैं।
- आरबीआई के नियम:
- वसूली एजेंट आपको धमकी नहीं दे सकते।
- वे बिना अनुमति आपके घर या ऑफिस नहीं आ सकते।
- क्या करें:
- उनके खिलाफ शिकायत दर्ज करें।
- कर्ज पुनर्गठन (रिस्ट्रक्चरिंग) का विकल्प चुनें।
- विशेषज्ञ की राय: वेस्टा लीगल की पार्टनर अपूर्वा भडांग कहती हैं, “अगर एजेंट नियमों का उल्लंघन करते हैं, तो कर्जदार आरबीआई या अन्य प्राधिकरण में शिकायत दर्ज कर सकते हैं।”
कर्ज से जुड़ी कुछ अतिरिक्त बातें:
- बजट बनाएं: हर महीने का बजट बनाएं और गैर-जरूरी खर्चों को काटें। बचत बढ़ाएं और उसे कर्ज चुकाने में लगाएं।
- आर्थिक सलाह लें: वित्तीय विशेषज्ञ से परामर्श लें। वे आपको सही योजना बनाने में मदद करेंगे।
- आपातकालीन फंड बनाएं: भविष्य के अप्रत्याशित खर्चों के लिए आपातकालीन फंड तैयार करें।
- नई आदतें अपनाएं: फिजूलखर्ची से बचें और बचत को प्राथमिकता दें।
कर्ज प्रबंधन कठिन हो सकता है, लेकिन सही प्लानिंग और रणनीति से इसे आसानी से संभाला जा सकता है। चाहे आप डेट एवेलांच, डेट स्नोबॉल, बैलेंस ट्रांसफर, या डेट कंसॉलिडेशन अपनाएं, यह सुनिश्चित करें कि आपकी योजना आपके वित्तीय लक्ष्यों के अनुकूल हो। साथ ही, अपने कानूनी अधिकारों की जानकारी रखें और जरूरत पड़ने पर विशेषज्ञों से मदद लेने में संकोच न करें।