फोरम ने दिल्ली देहात के कॉलेजों में ग्रामीण क्षेत्रों के प्रतिनिधियों को प्राथमिकता देने की मांग
फोरम ऑफ एकेडेमिक्स फॉर सोशल जस्टिस के चेयरमैन डॉ. हंसराज सुमन ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) व शिक्षामंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) को पत्र लिखकर मांग की है कि दिल्ली सरकार के वित्त पोषित 28 कॉलेजों की गवर्निंग बॉडी ( प्रबंध समिति ) में एससी /एसटी व ओबीसी समुदाय के लोगों के नाम भेजने व उन्हें आरक्षण के हिसाब से गवर्निंग बॉडी में उचित प्रतिनिधित्व देते हुए चेयरमैन बनाया जाए। उन्होंने बताया है कि दिल्ली देहात में एक दर्जन से अधिक कॉलेज दिल्ली सरकार द्वारा स्थापित है ।
फोरम के चेयरमैन डॉ. हंसराज सुमन ने दिल्ली के मुख्यमंत्री व शिक्षामंत्री को भेजे गए प्रस्ताव में लिखा है कि दिल्ली सरकार से संबद्ध 28 कॉलेजों की गवर्निंग बॉडी का कार्यकाल 16 दिसम्बर 2022 को समाप्त हो चुका है । इन कॉलेजों की नई गवर्निंग बॉडी बनाने के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय (Delhi University) प्रशासन ने दिल्ली सरकार से गवर्निंग बॉडी बनाने के लिए नाम मांगे है । उन्होंने बताया है कि दिल्ली सरकार के इन कॉलेजों में सरकार की ओर से 200 लोगों की सूची भेजी जाती है जिसमें से विश्वविद्यालय प्रशासन –144 लोगों को गवर्निंग बॉडी में स्थान देते है । बता दें कि दिल्ली सरकार के जिन कॉलेजों में प्रातः व सांध्य है वहाँ पर –6 सदस्य दिल्ली सरकार से व –6 सदस्य विश्वविद्यालय की ओर से होते हैं । इसके अलावा विश्वविद्यालय से दो वरिष्ठ प्रोफ़ेसर , कॉलेज प्रिंसिपल के अतिरिक्त दो शिक्षक एक जूनियर व एक सीनियर शिक्षक होते हैं ।
डॉ. सुमन ने शिक्षा मंत्री को लिखे पत्र में यह भी मांग की दिल्ली सरकार अपने कॉलेजों में आरक्षण के हिसाब से एससी /एसटी व ओबीसी समुदाय के लोगों को उचित प्रतिनिधित्व देते हुए एससी — 22 , एसटी — 11 व ओबीसी — 49 सदस्यों को गवर्निंग बॉडी में स्थान दे । साथ ही दिल्ली देहात में स्थापित कॉलेजों में ग्रामीण क्षेत्र के ही प्रतिनिधियों को भेजा जाए क्योंकि देखने में आया है कि दिल्ली सरकार की ओर से जिन सदस्यों को भेजा जाता है उन्हें ग्रामीण परिवेश की कोई जानकारी नहीं होती । साथ ही शैक्षिक व गैर-शैक्षिक नियुक्तियों के समय गांवों के लोगों को उचित प्रतिनिधित्व नहीं दिया जाता है जबकि वे कॉलेज गांव की जमीनों पर बने हुए है और सरकार ने जमीन लेते समय ग्राम पंचायतों से कहा था कि छात्र / छात्राओं को प्रवेश , शिक्षकों व कर्मचारियों की नियुक्तियों के समय उन्हें उचित प्रतिनिधित्व दिया जाएगा लेकिन सलेक्शन कमेटी नियुक्तियों में ग्रामीण क्षेत्रों की प्रतिभाओं का कोई सम्मान नहीं दिया जाता।
ग्रामीण क्षेत्रों के प्रतिनिधि रखने की मांग
डॉ. सुमन ने दिल्ली देहात की जमीनों में बने दिल्ली सरकार के कॉलेजों में ग्रामीण क्षेत्रों के प्रतिनिधि रखने की मांग की है । इन कॉलेजों में स्वामी श्रद्धानंद कॉलेज , अदिति महाविद्यालय , भगिनी निवेदिता कॉलेज , श्यामा प्रसाद मुखर्जी , विवेकानंद कॉलेज , इंदिरा गांधी फिजिकल एजुकेशन कॉलेज , श्री अरविंदो कॉलेज , शहीद भगतसिंह कॉलेज , केशव महाविद्यालय , महाराजा अग्रसेन कॉलेज , डॉ. भीमराव अंबेडकर कॉलेज , राजधानी कॉलेज , शिवाजी कॉलेज ,आचार्य नरेंद्रदेव कॉलेज , सत्यवती कॉलेज , भाष्कराचार्य कॉलेज , दीनदयाल उपाध्याय कॉलेज व भारती कॉलेज आदि में ग्रामीण क्षेत्रों के प्रतिनिधियों को गवर्निंग बॉडी में रखा जाए।