संसद सत्र के दौरान बडी संख्या में विपक्षी सांसदों को सस्पेंड किया गया। संसद के बाहर प्रदर्शन के दौरान टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी, ने संसद परिसर में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की मिमिक्री कर दी। इस दौरान कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष एवं लोकसभा सांसद राहुल गांधी वीडियो बनाते नजर आए। यह वीडियो जब सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो भारत के राजनीतिक गलियारे में सियासी उबाल आ गया। राजनीतिक दल डैमेज कंट्रोल में जुट गए।

उत्तर भारत के कुछ हिस्सों में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के समर्थन में जाट नेताओं की प्रतिक्रियाएं भी आने लगी। जिसके बाद राजनीतिक दलों सियासी नफा-नुकसान के आंकलन में लग गए। आज के इस आर्टिकल में हम आपको मिमिक्री के इतिहास से रूबरू कराएंगे।   

मिमिक्री दरअसल एक आर्ट है, जो मानव व्यवहार और अभिव्यक्ति की अद्वितीयता को अनुकरण करने का प्रयास करता है। इसका इतिहास विभिन्न समय और स्थानों में विकसित हुआ है, और यह विशेष रूप से नृत्य और नृत्यशास्त्र से जुड़ा हुआ है।

 प्राचीन काल में मिमिक्री:

मिमिक्री का प्रारंभ प्राचीन समय में हुआ, जब लोग अपने आस-पास की दुनिया को नकल करने का प्रयास करने लगे। यह उनके अभिव्यक्ति के एक माध्यम के रूप में उत्पन्न हुआ, जिससे वे अपने भावनाओं, विचारों और जीवन के संघर्षों को दूसरों के सामने प्रस्तुत कर सकते थे।

ग्रीक नाट्यशास्त्र:

ग्रीक सभ्यता ने मिमिक्री को उच्च नृत्य और नृत्यशास्त्र के माध्यम से विकसित किया। ग्रीक नाट्यशास्त्रग्रंथ “पोएटिका” में, आरिस्टॉटलेस ने “मिमेषिस” का उल्लेख किया, जिससे यह उत्पन्न हुआ कि मिमिक्री का उद्दीपना नृत्य और अभिनय के क्षेत्र में हुआ।

मध्ययुगीन कला:

मध्ययुग काल में विभिन्न सांस्कृतिकों ने भी मिमिक्री को अपनाया और विकसित किया। यूरोप में नाट्यकला और नृत्य ने मिमिक्री का महत्व बढ़ाया और इसे रंगमंच पर प्रदर्शित करने का एक उच्च स्तर तक पहुंचाया।

पुनर्जागरण काल के बाद:

पुनर्जागरण काल में भी, इटली में नाट्यकला के क्षेत्र में मिमिक्री को महत्वपूर्ण माना गया और इसे रंगमंच पर उच्च स्तर पर प्रस्तुत किया गया। इसके बाद भी, विभिन्न सांस्कृतिकों ने मिमिक्री को अपने अभिव्यक्ति के रूप में उपयोग किया।

आधुनिक समय में मिमिक्री:

आधुनिक कला और मनोरंजन के क्षेत्र में, मिमिक्री ने नए आयाम प्राप्त किए हैं। चलचित्र, टेलीविजन, और वीडियो साहित्य के माध्यम से मिमिक्री का प्रदर्शन और विकसन हुआ है। कॉमेडी और नाटक में मिमिक्री का प्रयोग अब भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

भारत में मिमिक्री का इतिहास

भारत में मिमिक्री का इतिहास बहुत यात्रा से भरा हुआ है और यह आधुनिक तथा प्राचीन समयों में सांस्कृतिक और कला क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

प्राचीन काल :

भारतीय सांस्कृतिक क्षेत्र में मिमिक्री का प्रारंभ वेदों, पुराणों, और नाट्यशास्त्र के साथ हुआ। वेदों में व्यक्ति अपने भावनाओं को व्यक्त करने के लिए अभिनय का प्रदर्शन करते हैं, जो मिमिक्री का एक प्रारंभिक रूप है। नाट्यशास्त्र, भारतीय नृत्य और नाट्यकला के लिए महत्वपूर्ण ग्रंथ, में भी मिमिक्री को विस्तार से वर्णित किया गया है।

नृत्य और अभिनय:

भारतीय नृत्य और नृत्यशास्त्र में मिमिक्री का महत्व बहुत ऊँचा है। भारतीय नृत्य विद्याओं में कला और विविधता को दिखाने के लिए कलाकृति (श्रृंगार, हास्य, भयानक, वीर, रौद्र, आदि) का अभिनय अत्यंत महत्वपूर्ण है, जिसमें मिमिक्री एक प्रमुख भूमिका निभाती है।

रंगमंच पर: रंगमंच नृत्य, नाटक, और अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों में मिमिक्री का प्रदर्शन भारतीय सांस्कृतिक इतिहास में सामान्य रूप से होता आ रहा है। नृत्य नाट्य कला में विभिन्न अभिनय शैलियों का अध्ययन और प्रदर्शन भी मिमिक्री की विकसिति में योगदान करता है।

सिनेमा में मिमिक्री:

भारतीय सिनेमा में भी मिमिक्री का उपयोग कार्यक्रम, फिल्में, और कॉमेडी में होता है। कई कलाकार और हास्य अभिनेता अपने शैली में मिमिक्री का उपयोग करते हैं जो दर्शकों को हंसी और मनोरंजन में रूचि लाते हैं।

मिमिक्री के लिए प्रसिद्ध कलाकार

मिमिक्री के कलाकार विभिन्न कला रंगों, सिनेमा, नृत्य, नाटक और विभिन्न माध्यमों में अपने शैली और कला के माध्यम से मशहूर हुए हैं। यहां कुछ प्रमुख मिमिक्री कलाकारों का उल्लेख किया गया है:

1. मर्सेल मार्सो:

   – मर्सेल मार्सो को “मिम का पिता” माना जाता है।

   – उन्होंने मानव भावनाओं, भाषा के बिना, केवल शारीरिक अभिव्यक्ति के माध्यम से संवेदनशीलता को दिखाने में अपनी कला के लिए प्रशंसा प्राप्त की।

2. चार्ली चैप्लिन:

   – चार्ली चैप्लिन ने स्क्रीन पर अपनी नातकीय मिमिक्री के लिए विश्व प्रसिद्धता प्राप्त की।

   – उनकी कॉमेडी फिल्में और उनका अभिनय आज भी मुख्य रूप से मानवीय भावनाओं का उत्कृष्ट रूप से प्रस्तुतान करता है।

3.शाह रुख खान:

   – भारतीय सिनेमा के ‘बादशाह’ शाहरुख खान ने अपने अभिनय कौशल में मिमिक्री का शानदार उपयोग किया है।

   – उनकी फिल्मों में उनकी विविध भूमिकाओं में व्यापक अभिनय क्षमता का प्रदर्शन होता है।

5. जिम कैरी:

   – हॉलीवुड के अभिनेता और कॉमेडियन जिम कैरी ने भी अपने अद्वितीय मिमिक्री के लिए जाने जाते हैं।

   – उनकी फिल्में और कॉमेडी शो में उनका अभिनय हमेशा दर्शकों को हंसी में डालता है।

इन कलाकारों ने अपनी अद्वितीय मिमिक्री से विश्वभर में पहचान बनाई है और उनका योगदान कला और मनोरंजन क्षेत्र में अमूल्य है।

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