Film Shooting in Delhi एक समय था जब दिल्ली में शूटिंग का मतलब सिर्फ लाल किला (red fort), कुतुबमीनार (qutubminar), हुमायूं का मकबरा (humayun tomb) समेत पर्यटन स्थलों तक ही सीमित था। कहानियां मुंबई में बैठकर लिखी जाती थी एवं फिलर के लिए दिल्ली के लोकेशनों को चुना जाता था। दो मिनट, दस मिनट तक की शूटिंग भी होती थी। कलाकार आते एवं कुछ हंसने, गाने के सीन फिल्माकर चले जाते थे। लेकिन गुजरते वक्त के साथ बालीवुड मुंबई की छांव से बाहर निकला तो सबसे पहले उसकी नजर दिल्ली पर ही पड़ी। कारण, यहां की मिश्रित जनसंख्या, हरियाली, पर्यटन स्थल बहुतायत थे। यहां आपको बिहार, यूपी, राजस्थान, मध्यप्रदेश ही नहीं असम, अरुणाचल समेत भारत के कोने कोने से आए लोग मिलते हैं। हर शख्स की अपनी कहानी है। कोई सपनों को पूरा करने की चाहत में आया है तो किसी को परिवारिक जरुरत यहां खींच लायी है।

बालीवुड इनके सपनों को सिने पर्दे पर उकेरने लगा। कहानियां, दिल्ली आधारित बनने लगी। फिर तो दिल्ली पसंदीदा स्थल में तब्दील हो गई। अब तो सिर्फ कहानी ही नहीं ब्लकि पात्र भी दिल्ली की जुबान बोलते हैं। यही वजह है कि अब फिल्मी शूटिंग के मामले में दिल्ली ने सबको पीछे छोड़ दिया है। दिल्ली-एनसीआर में हर दिन फिल्मों की शूटिंग चलती ही रहती है। मसलन, उरी-द सर्जिकल स्ट्राइक को ही ले लीजिए। इसमें कई ऐसे सीन थे जिसमें नार्थ-साउथ ब्लॉक का दृश्य था जो यहीं फिल्माया गया। अक्षय कुमार की पैडमैन की शूटिंग तो आइआइटी दिल्ली (iit delhi) में की गई। फिल्म में अक्षय कुमार को सम्मानित करने का सीन भी यहीं आइआइटी में ही फिल्माया गया था। 

झुग्गी बस्ती से लेकर कालोनियाें तक में शूटिंग 

लाइन प्रोडयूसर रवि सरीन कहते हैं कि हाल ही में फिल्म बधाई हो रिलीज हुई। फिल्म की पूरी शूटिंग लक्ष्मीबाई नगर में हुई है। दरअसल, फिल्म मीडिल क्लास फैमली की थी, उसी के हिसाब से हमने लोकेशन चुना था। आयुष्मान खुराना एवं निर्देशक अमित दोनों दिल्ली में पले बढ़े हैं। फिल्म की 40 फीसद शूटिंग इन हाउस ही हुई थी। बाकि अस्पताल के लिए फोर्टिस एवं बाजार की शूटिंग कनॉट प्लेस में हुई थी। स्क्रिप्ट की मांग के अनुसार ही घर के अंदर डायनिंग टेबल बनाया गया था, उस पर च्यवनप्राश का डिब्बा, कुछ बोतलें रखी गई, ताकि दर्शकों को मीडिल क्लास के घर की फीलिंग आये। सरीन कहते हैं कि बैंड बाजा बारात की कहानी पश्चिमी दिल्ली के दो कॅपल पर आधारित थी जो छोटा व्यवसाय शुरू कर दक्षिणी दिल्ली तक का सफर तय करते हैं। चूंकि कहानी दिल्ली पर आधारित थी, इसलिए लोकेशन भी सुभाष नगर चुना गया। इरफान खान अभिनित हिंदी मीडियम फिल्म की कहानी दिल्ली के अभिभावक पर आधारित थी। इसकी शूटिंग भी पुरानी दिल्ली में ही हुई थी। कहानी के अनुसार फिल्म के हाफ के बाद इरफान खान दक्षिणी दिल्ली जाकर रहने लगते हैं। इस हिस्से की शूटिंग खानपुर में हुई थी। वीरे दी वेडिंग दिल्ली की युवतियों की कहानी थी। इसकी तो पूरी शूटिंग दिल्ली के विभिन्न इलाकों में हुई थी। हाल ही में आयी वरुण धवन की सुई धागा फिल्म की शूटिंग पुरानी दिल्ली के शंकर मार्केट में हुई थी। जबकि फिल्म में वरुण धवन जिस फैक्ट्री में काम करते हैं उसकी शूटिंग फरीदाबाद स्थित एक फैक्ट्री में हुई थी। जिस गांव में वरुण धवन साइकिल की चाह में जाते हैं उस गांव की शूटिंग मुरादनगर में हुई थी जबकि ट्रेन में सफर करने के दृश्य गाजियाबाद की लोकल ट्रेन में शूट किए गए थे। इंद्रप्रस्थ झुग्गी बस्ती, ओखला कैंप में भी कई फिल्मों की शूटिंग हुई। 


दिल्ली मेट्रो में शूटिंग 

दिल्ली मेट्रो बालीवुड की पसंदीदा जगहों में शुमार है। पदाधिकारी कहते हैं कि हाल ही में ऋषि कपूर अभिनीत राजमा चावल के कई दृश्यों की शूटिंग मेट्रो में हुई। इसके पहले भी पॉ, बेवफा, दिल्ली-6, अय्यारी, सात उच्चके, गली गुलियान की शूटिंग हुई। गली गुलियान तो पुरानी दिल्ली की गलियों में ही शूट हुई थी। 

श्रीदेवी की आखिरी फिल्म मॉम का सीन दिल्ली मेट्रो ने ट्वीट किया। पदाधिकारी कहते हैं कि मॉम के कई दृश्य दिल्ली मेट्रो के विभिन्न स्टेशन पर फिल्माए गए थे। श्रीदेवी की कई फिल्मों की शूटिंग दिल्ली में हुई है, जिनमें ‘चांदनी’ का नाम सबसे ऊपर है।

कुछ प्रमुख शूटिंग स्पॉट

-अरब की सराय।

-हजरत निजामुद्दीन।

-फिरोज शाह कोटला।

-लोदी गार्डन।

-जमाली-कमाली मस्जिद।

-दिल्ली गेट।

-पुराना किला।

-जामा मस्जिद।

-हुमायूं का मकबरा।

-लोटस टैंपल।

-सलीमगढ़ किला।

-राजा की बावली।

-गंधक की बावली।

-पुराना किला

-अग्रसेन की बावली।

———-

Spread the love

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here