दिल्ली के शिक्षण संस्थानों से आए सैकड़ो कार्यकर्ताओं ने शिक्षा, समाज एवं पर्यावरण पर की सार्थक चर्चा

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के दिल्ली प्रांत का 59वां प्रांत अधिवेशन जेएनयू के छत्रपति शिवाजी नगर के वेद प्रकाश नंदा सभागार में आज संपूर्ण हुआ। इस कार्यक्रम में दिल्ली के अलग- अलग विभागों से 500 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
मंच पर मुख्य अतिथि के रुप में एयर कमोडोर कार्तिकेय काले (अतिविशिष्ट सेवा मेडल) जी उपस्थित रहे तो वहीं विशिष्ट अतिथि के रुप में राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री प्रफुल्ल आकांत जी उपस्थित रहे। इस कार्यक्रम में स्वागत समिति अध्यक्ष डॉ धीरज कुमार, एमडी, ग्रासरूट इंटरनेशनल, जेएनयू इकाई अध्यक्ष उमेश चंद्र अजमीरा, जेएनयू इकाई मंत्री, विकास पटेल आदि भी उपस्थित रहे।

यह प्रांत अधिवेशन अभाविप दिल्ली के सांस्कृतिक, शैक्षिक और राजनीतिक मुद्दों पर विचार विमर्श का माध्यम बना। छात्र-प्रतिनिधियों ने अपनी बातचीत में समाज में हो रहे सकारात्मक परिवर्तन के लिए योजनाएं प्रस्तुत की और उच्च शिक्षा के क्षेत्र में सुधारों के लिए सुझाव दिए।

ज्ञात हो कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का प्रांतीय अधिवेशन हर वर्ष के आखिरी महीने में आयोजित होता है। इस अधिवेशन में प्रदेश के शिक्षण संस्थानों से विद्यार्थी व प्राध्यापक कार्यकर्ता विद्यार्थी परिषद के गत वर्ष में किए गए कार्यों, आंदोलनों एवं सामाजिक कार्यों की समीक्षा करते है एवं अगले वर्ष के करणीय कार्यों पर प्रस्ताव पारित करते हैं।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि एयर कमोडोर कार्तिकेय काले ने इस खास मौके पर कहा, “मैं भारत के छात्रों से कहना चाहूंगा कि नेतृत्व को नेतागिरी से ना जोड़ें। नेतृत्व परिवार, समाज, राष्ट्र हर स्तर पर होता है। घर में मां नेतृत्व करती है, जीवन में भाई आपका नेतृत्व कर सकता है, समाज में आपका मित्र आपका नेतृत्व कर सकता है। उसी प्रकार एक छात्र पूरे राष्ट्र को नेतृत्व सकता है।”

अभाविप दिल्ली के प्रदेश मंत्री हर्ष अत्री ने कहा कि, अभाविप दिल्ली के प्रांत अधिवेशन का जे. एन. यू में अयोजन होना हम सभी के लिए हर्ष एवं गर्व का विषय।टुकड़े -टुकड़े गैंग वाले मुट्ठी भर लोगों के तथाकथित गढ़ में केसरिया ध्वज का लहराना इस बात का सूचक है कि राष्ट्रवाद की जड़ें मजबूती के साथ फैल रही है। आज हमने विद्यार्थी परिषद द्वारा दिल्ली में शिक्षा एवं समाज क्षेत्र में किए गए कार्यों की समीक्षा की एवं आगे की करणीय कार्यों की रुपरेखा बनाई।

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