31 अक्टूबर को फर्श बाजार में चाचा-भतीजे की हत्या का आरोपी था शूटर अनिल मटका

दी यंगिस्तान, नई दिल्ली।

दिल्ली के शाहदरा इलाके में 31 अक्टूबर को चाचा-भतीजे की हत्या के बाद फरार चल रहे दो लाख के इनामी शूटर अनिल उर्फ सोनू मटका को आखिरकार पुलिस ने एनकाउंटर में ढेर कर दिया। दिल्ली पुलिस और उत्तर प्रदेश पुलिस की संयुक्त कार्रवाई के तहत यह एनकाउंटर मेरठ में हुआ, जो न केवल एक बड़ी पुलिस कार्रवाई को दर्शाता है, बल्कि अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का संदेश भी देता है। इस हत्याकांड में मटका की संदिग्ध भूमिका के बाद पुलिस उसे गिरफ्तार करने में जुटी हुई थी, और आखिरकार वह पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारा गया।

शाहदरा हत्या कांड: 31 अक्टूबर को क्या हुआ?

31 अक्टूबर 2024 की रात शाहदरा के फर्श बाजार में दोहरे हत्याकांड ने इलाके में सनसनी फैला दी थी। मृतकों में एक चाचा और एक भतीजा शामिल थे। घटना के बाद से ही दिल्ली पुलिस ने मामले को गंभीरता से लिया और आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए ऑपरेशन शुरू किया।

जांच में सामने आया कि इस हत्या का मुख्य आरोपी गोकुलपुरी निवासी अनिल उर्फ सोनू मटका है, जो पहले से कई आपराधिक मामलों में शामिल रहा था। उसके खिलाफ पहले भी हत्या, लूट और तस्करी जैसे गंभीर मामले दर्ज थे। शाहदरा की हत्या के बाद पुलिस ने उसकी तलाश शुरू की और साथ ही उसकी गिरफ्तारी पर दो लाख रुपये का इनाम घोषित किया।

संयुक्त ऑपरेशन: दिल्ली और यूपी पुलिस की कार्रवाई

पुलिस को जानकारी मिली कि अनिल मटका उत्तर प्रदेश के मेरठ में छिपा हुआ है। दिल्ली पुलिस ने यूपी पुलिस के साथ मिलकर एक संयुक्त ऑपरेशन की योजना बनाई। दोनों राज्यों की पुलिस की टीम ने मेरठ में संभावित ठिकानों पर छापेमारी की, लेकिन अनिल ने पुलिस से बचने के लिए फायरिंग शुरू कर दी।

इसके बाद पुलिस ने जवाबी कार्रवाई की और मटका को मुठभेड़ में ढेर कर दिया। पुलिस के मुताबिक, मटका ने भागने की कोशिश की थी, लेकिन उसकी गोलियों का जवाब पुलिस ने दिया। एनकाउंटर में घायल होने के बाद उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

मटका का आपराधिक इतिहास

अनिल उर्फ सोनू मटका का आपराधिक इतिहास काफी लंबा था। वह गोकुलपुरी का निवासी था और इलाके में उसका आतंक था। मटका के खिलाफ कई बार हत्या और लूट के मामले दर्ज किए गए थे। उसकी गतिविधियों से जुड़ी कई शिकायतें भी पुलिस तक पहुंची थीं। वह खासतौर पर बड़ी वारदातों को अंजाम देने में माहिर था और इलाके में उसका खौफ था।

31 अक्टूबर को शाहदरा के फर्श बाजार में उसने चाचा-भतीजे की हत्या की थी, जिसके बाद से वह फरार हो गया था। इस हत्या में उसकी भूमिका को लेकर पुलिस ने उसे मुख्य आरोपी माना और उसकी तलाश शुरू कर दी। उसकी गिरफ्तारी पर दो लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया था, जिससे पुलिस को काफी मदद मिली।

पुलिस ने एनकाउंटर पर क्या कहा?

दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस एनकाउंटर के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा, “हमने मटका की तलाश में पूरी ताकत झोंक दी थी। उसकी गिरफ्तारी पर दो लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया था। संयुक्त ऑपरेशन के तहत यूपी पुलिस के साथ हम लगातार उसकी गतिविधियों पर नजर बनाए हुए थे। एनकाउंटर में मटका की मौत हमारे लिए एक बड़ी सफलता है। यह संदेश देता है कि अपराधियों के खिलाफ पुलिस कभी भी कार्रवाई करने में संकोच नहीं करेगी।”

यूपी पुलिस के एक अधिकारी ने भी एनकाउंटर की पुष्टि की और कहा कि मटका के खिलाफ कई गंभीर मामले दर्ज थे और वह लंबे समय से फरार चल रहा था। पुलिस के मुताबिक, मटका का अंत इलाके के लोगों के लिए राहत का कारण बन गया है, क्योंकि वह लगातार अपराध करता रहा था और लोगों में डर का माहौल बना हुआ था।

क्या था मटका की गिरफ्तारी के बाद का असर?

मटका की मौत के बाद पुलिस को कुछ महत्वपूर्ण सुराग भी मिले हैं। पुलिस अब उसकी आपराधिक गतिविधियों और नेटवर्क की जांच कर रही है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि वह और किस-किस अपराध में शामिल था। दिल्ली और यूपी पुलिस इस मामले में आगे की जांच में जुटी हुई हैं।

मीडिया रिपोर्ट की मानें तो मटका की मौत के बाद शाहदरा के फर्श बाजार इलाके में स्थानीय जनता ने राहत की सांस ली। लोग इस घटना को लेकर पुलिस की कार्रवाई की सराहना कर रहे हैं और मानते हैं कि पुलिस की इस कार्रवाई से क्षेत्र में अपराधों पर काबू पाया जाएगा। इलाके के दुकानदारों और स्थानीय निवासियों ने बताया कि मटका की करतूतों से क्षेत्र में खौफ था, और अब उसकी मौत के बाद इलाके में शांति का माहौल है।

दिल्ली और यूपी पुलिस के संयुक्त ऑपरेशन में शूटर अनिल उर्फ सोनू मटका का एनकाउंटर पुलिस की एक बड़ी सफलता साबित हुई है। पुलिस की कड़ी कार्रवाई ने अपराधियों को यह स्पष्ट संदेश दिया है कि किसी भी अपराधी को कानून से बचने का मौका नहीं मिलेगा। इस घटना ने जहां पुलिस प्रशासन की तत्परता और सहकार्य को उजागर किया, वहीं स्थानीय लोगों के लिए यह एक राहत की खबर है। अब पुलिस ने मटका की आपराधिक गतिविधियों की जांच शुरू कर दी है, और उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही अन्य अपराधियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।

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