क्रेडिट कॉर्ड की वर्तमान लिमिट है 3 लाख रुपये
दी यंगिस्तान, नई दिल्ली।
Union Budget 2025: किसान क्रेडिट कार्ड के तहत उधार की सीमा जल्द ही 5 लाख रुपये की जा सकती है। मीडिया रिपोर्ट की मानें तो आगामी बजट में सरकार 3 लाख रुपये की मौजूदा सीमा यानी क्रेडिट लिमिट को बढ़ाकर 5 लाख रुपये करने की योजना बना रही है। वित्त वर्ष 2025-26 के लिए बजट 1 फरवरी को लोक सभा में पेश किया जाएगा।
अधिकारी ने कहा, ‘किसान क्रेडिट कार्ड पर उधारी की सीमा पिछली बार काफी पहले बढ़ाई गई थी। सरकार के पास सीमा बढ़ाने की मांग लगातार आती रही है। किसानों की मदद करने और ग्रामीण मांग को बढ़ावा देने के इरादे से सरकार इस बजट में RuPay सीमा बढ़ाने की सोच रही है। इसलिए किसान क्रेडिट कार्ड पर उधारी की सीमा 3 लाख से बढ़कर 5 लाख रुपये हो सकती है।’
आपको बता दें कि किसान क्रेडिट कार्ड योजना 1998 में शुरू की गई थी। इसके तहत कृषि और उससे जुड़ी गतिविधियों में लगे किसानों को 9 फीसदी ब्याज दर पर अल्पकालिक फसल ऋण दिया जाता है। सरकार किसानों को ब्याज पर 2 फीसदी छूट देती है और समय से अदायगी करने वाले किसानों के ब्याज में बतौर प्रोत्साहन 3 फीसदी कमी और कर दी जाती है। इस तरह किसानों को सालाना 4 फीसदी दर पर कर्ज मिल जाता है। इस योजना के तहत 30 जून, 2023 तक 7.4 करोड़ से अधिक एक्टिव क्रेडिट कार्ड थे,जिन 8.9 लाख करोड़ रुपये का कर्ज बकाया था।
आईसीआईसीआई बैंक और राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के निवेश वाली फिनटेक फर्म एडवारिस्क के सह-संस्थापक एवं सीईओ विशाल शर्मा ने कहा, ‘खेती की लागत बहुत बढ़ी है मगर किसान क्रेडिट कार्ड पर उधारी की सीमा कई साल से बढ़ाई नहीं गई। इस इजाफे से कृषि क्षेत्र में उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा और कृषि आय बढ़ाने में मदद भी होगी। किसानों की आय बढ़ने से उनकी जीवनशैली में ही सुधार नहीं होगा, बल्कि बैंकिंग प्रणाली का जोखिम भी घटेगा क्योंकि किसान समय पर कर्ज चुका देंगे।’
नाबार्ड के चेयरमैन शाजी केवी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि किसान क्रेडिट कार्ड का उद्देश्य बड़ी जमीन वाले किसानों को ही नहीं बल्कि छोटी जोत वाले किसानों और पशुपालन एवं मत्स्यपालन को भी इसके दायरे में लाना है।
उन्होंने कहा, ‘कृषि का मतलब फसल उगाना भर नहीं है। इसलिए कृषि से जुड़ी दूसरी गतिविधियों में लगे लोगों को भी सब्सिडी वाला कर्ज मिलना चाहिए ताकि उनकी प्रति व्यक्ति आय बढ़ सके। इसलिए हम वित्तीय सेवा विभाग के साथ मिलकर अभियान चला रहे हैं ताकि पशुपालन और मत्स्यपालन क्षेत्रों को भी पर्याप्त ऋण सुनिश्चित हो सके। इस अभियान में सभी बैंक और ग्रामीण वित्तीय संस्थान शामिल हैं। हमारी कोशिश है कि मत्स्यपालक बढ़ें इसके लिए हम राज्य सरकारों को मत्स्यपालकों के पंजीकरण के लिए प्रेरित कर रहे हैं, क्योंकि पंजीकरण बढ़ाना जरूरी है। किसानों का पंजीकरण हो जाए तो हम बैंकों को उन्हें कर्ज देने के लिए कह सकते हैं।’
नाबार्ड के आकड़ों की मानें तो अक्टूबर 2024 तक 167.53 लाख किसान क्रेडिट कार्ड जारी किए गए थे। ये कॉर्ड सहकारी बैंकों और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों ने जारी किए थे, जिनकी कुल क्रेडिट लिमिट 1.73 लाख करोड़ रुपये थी। इसमें डेरी किसानों के लिए 10,453.71 करोड़ रुपये क्रेडिट लिमिट के साथ 11.24 लाख कार्ड और मत्स्यपालकों के लिए 341.70 करोड़ रुपये क्रेडिट लिमिट के साथ 65,000 किसान क्रेडिट कार्ड शामिल हैं। अधिकारी ने बताया कि सरकार प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को भी किसानों के लिए अधिक कारगर बनाने की संभावनाएं तलाश रही है।
किसानों को मिलेगी राहत
-उधारी की 3 लाख रुपये की सीमा को बढ़ाकर 5 लाख रुपये किए जाने की संभावना
-किसान क्रेडिट कार्ड पर ब्याज में 2 फीसदी छूट दी जाती है और वक्त पर कर्ज चुकाने वालों को 3 फीसदी अतिरिक्त छूट मिलती है
-इस योजना के तहत सक्रिय ऋण खातों की संख्या 30 जून, 2023 तक 7.4 करोड़ से अधिक थी