up ground breaking ceremony

योगी राज में हो रहा यूपी का चौतरफा विकास

लेखक-उमेश चतुर्वेदी, वरिष्ठ स्तंभकार

up ground breaking ceremony पिछले साल बारह फरवरी को लखनऊ में आयोजित यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (up global investors summit 2023) को गैर भाजपा दलों ने गंभीरता से नहीं लिया था। विपक्षी दलों ने इसकी सफलता पर सवाल उठाए थे। लेकिन इस आयोजन के एक साल बीतने के बाद जो आंकड़े सामने आए हैं, वे उत्साहित करते हैं। महज एक साल की छोटी अवधि में ही यूपी में करीब 10 लाख 11 हजार करोड़ रुपए का अनुमानित निवेश प्रस्ताव आया है। उम्मीद की जा रही है कि राज्य में करीब चौदह हजार योजनाएं लागू की जा सकेंगी, जिनके जरिए 34 लाख रोजगार पैदा होंगे।

19 फरवरी को लखनऊ में आयोजित ग्राउंड ब्रेकिंग समारोह यानी जीबीसी (up ground breaking ceremony) में प्रतिष्ठित उद्योगपति, जानी-मानी कंपनियां, विदेशी निवेशक, राजनयिक शामिल हुए। उद्योगपति या कारोबारी किसी राज्य में उसी समय निवेश करता है, जब उसका राज्य की माटी पर भरोसा होता है। इसमें कोई दो राय नहीं कि यह भरोसा आता है राज्य की बेहतर कानून व्यवस्था से।

बेहतर कानून व्यवस्था

यूपी कभी अराजक राज्य की छवि के तौर पर जाना जाता था। लेकिन कहना न होगा कि योगी सरकार ने जिस तरह कानून व्यवस्था के मोर्चे को दुरूस्त किया है, उससे राज्य में कानून का शासन स्थापित है। कभी दंगे राज्य की पहचान हुआ करते थे लेकिन अब राज्य सांप्रदायिक दंगों से दूर है।

निवेशकों की दूसरी जरूरत बुनियादी ढांचा की बेहतरी होती है, जिसमें सड़क, बिजली और पानी की उपलब्धता सहज होनी चाहिए। पर अच्छी बात यह है कि बिजली के मामले में प्रदेश में विगत शासन से स्थिति बेहतर हुई है। यही नहीं, इस दौरान राज्य का बुनियादी ढांचा खासा बेहतर हुआ है। यही वजह है कि अब राज्य में बड़े-बड़े समूह निवेश करने के लिए खुले दिल से आगे आ रहे हैं। इसी वजह से राज्य सरकार का दावा है चौथे ग्राउंड ब्रेकिंग समारोह में जुटने वाले उद्योगपति राज्य में बड़ा निवेश करने वाले हैं।

कई बड़ी कंपनियां करेंगी निवेश

यूपी सरकार के आंकड़ों पर भरोसा करें तो राज्य में हीरानंदानी समूह के साथ सिफी टेक्नॉलजी, वीएएलएस डेवलेपर्स, एसटीटी ग्लोबल और जैक्सन लि.समूचे राज्य में डेटा सेंटर स्थापित करने जा रहे हैं। राज्य में बिजली व्यवस्था दुरूस्त हो, निवेशकों को भरपूर बिजली मिले, इसके लिए राज्य सरकार ऊर्जा के तीनों स्रोतों, थर्मल, जल विद्युत और सौर ऊर्जा में निजी और सार्वजनिक-दोनों क्षेत्रों की कंपनियों को आमंत्रित किया है। राज्य सरकार का दावा है कि एनटीपीसी, ग्रीनको ग्रुप, टोरेंट पावर, एसीएमई ग्रुप, जेएसडब्ल्यू एनर्जी पीएसपी सिक्स और टिस्को राज्य में कई तरह की ऊर्जा परियोजनाएं लगाने जा रही हैं।

योगी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में साल 2018 में पहली बार यूपी इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन किया था। जिसमें करीब 4.28 लाख करोड़ रुपए के निवेश पर हस्ताक्षर हुए थे। इसके बाद जुलाई-2018 और जुलाई-2019 में  ग्राउंड ब्रेकिंग कार्यक्रम आयोजित किए गए। जिनसे करीब 130 करोड़ के निवेश प्रस्ताव आए।

जिनके जरिए 290 परियोजनाएं राज्य में स्थापित हो चुकी हैं। कोरोना के चलते अगले दो साल तक कोई निवेशक सम्मेलन नहीं हुआ। लेकिन साल 2022 में तीसरा ग्राउंड ब्रेकिंग समारोह हुआ, जिसमें करीब अस्सी हजार करोड़ के निवेश प्रस्ताव राज्य को प्राप्त हुआ। इस वजह से सकल घरेलू उत्पाद के लिहाज से उत्तर प्रदेश देश की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला राज्य बन गया।

युवाओं को मिल रहा रोजगार

प्रदेश में युवाओं को मुहैया कराए जा रहे रोजगार के आंकड़े भी उत्साहित करते हैं। एमएसएमई सेक्टर में मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना के अंतर्गत 1,79,112, एक जनपद, एक उत्पाद से 1,92,193,विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना तथा एक जनपद एक उत्पाद कौशल उन्नयन एवं टूलकिट योजना से लगभग 4.08 लाख रोजगार मुहैया कराए गए। उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन के तहत 12.15 लाख युवाओं को प्रशिक्षित कर इनमें से 4.13 लाख युवाओं को विभिन्न प्रतिष्ठित कंपनियों में सेवायोजित कराया गया।

मुख्यमंत्री ग्रामोद्योग रोजगार योजना के तहत भी हजारों युवाओं की जिंदगी खुशहाल बनी। दरअसल, भारतीय जनता पार्टी के पितृ पुरुष दीनदयाल उपाध्याय ने अंतिम व्यक्ति के आंसू पोंछने और उसका दुख-दर्द दूर करने के लिए अंत्योदय की परिकल्पना प्रस्तुत की थी। कितना सुखद संयोग है कि दीनदयाल उपाध्याय उत्तर प्रदेश की ही माटी के पूत थे। अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर योगी सरकार काम कर रही है, साफ है कि वह अपने पितृ पुरुष की परिकल्पना को उनकी ही माटी पर शिद्दत से साकार करने की कोशिश कर रही है। up ground breaking ceremony

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