राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के उस संघर्ष भरे दौर को करीब से देखने और जीने की चाहत राष्ट्रपति भवन स्थित नए संग्रहालय में पूरी होती दिखाई देती है। गांधी के सत्याग्रह के उस दौर को थ्री डी तकनीक के माध्यम से लोगों को रूबरू कराने के लिए संग्रहालय में थ्री डी थियेटर, वर्चुअल रियलिटी केन्द्र स्थापित किए गए हैं, जहां लोग महात्मा गांधी के साथ कदम से कदम मिला सकेंगे। संग्रहालय में होलोग्राम तकनीक से अब तक के सभी राष्ट्रपति बोलते हुए प्रतित होते दिखाई देते हैं। संग्रहालय में करीब 2000 से अधिक दुर्लभ और रोचक चीजें रखी गई हैं।
यहां दो संग्रहालय तैयार किए गए हैं एक में कभी अस्तबल हुआ करता था तो दूसरे में कभी गैरेज हुआ करता था। दो साल पहले अस्तबल को संग्रहालय के रूप में विकसित किया गया था जिसमें अब तक के सभी राष्ट्रपति को मिले उपहारों को प्रदर्शित किया गया है। इसमें सभी राष्ट्रपति के पुतले भी बनाए गए है। वहीं, गैरेज वाले दूसरे भवन को तीन तलों में विकसित किया है। संग्रहालय में प्रवेश करते ही राष्ट्रपति की बग्गी आपका स्वागत करती दिखाई देगी। वर्चुअल रियलिटी स्क्रीन के माध्यम से आप इस बग्गी में बैठने का भी आनंद ले सकेंगे। इसी तल पर महात्मा गांधी की दांड़ी यात्रा और नमक सत्याग्रह को पुतलों के माध्यम से दिखाया गया है। इसी तल पर राष्ट्रपति भवन के उन नक्शों को भी दिखाया गया है जो कभी सर एडविन लुटियन ने अपने हाथों से बनाए थे। बेसमेंट के प्रथम तल में राष्ट्रपति भवन के अध्ययन हाल को देखा जा सकता है इसमें लोग वर्चुअल रियलिटी के माध्यम से राष्ट्रपति के साथ बातें करती फोटो भी खिचवा सकेंगे।
इसके अलावा यहां थ्री डी होलोग्राम तकनीक से पहले के सभी राष्ट्रपति के साथ मौजूदा राष्ट्रपति बोलते हुए दिखाई देंगे। इस तल पर कई स्क्रीन भी लगाए गए हैं। इसके अलावा यहां प्रकृति का कोना भी बनाया गया है जहां आप कुछ पलों के लिए कोयल और तोते की आवाजों का आनंद ले सकेंगे। इसी तल पर पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम, प्रतिभा पाटिल की कुछ चीजें भी प्रदर्शित की गई हैं। कई देशों से मिले उपहार स्वरुप क्राकरी, सुंदर कलाकृतियों को भी यहां देखा जा सकता है। बेसमेंट के दूसरे तल पर थ्री डी थियेटर है जहां महात्मा गांधी के जीवन पर फिल्म दिखाई जाएगी। इसी तल पर सन 1757 से लेकर अब तक की कुछ तस्वीरें देखी जा सकती है। अंग्रेजी हुकुमत के दौरान यहां लाई गई करीब 37 पोट्रेट हैं इनमें रानी विकटोरिया, फ्रांस के राजा लुइस, रानी मैरी की भी तस्वीरें हैं जो 1757 में बनाई गई थीं। कुछ चाइनीज पेंटिंगस, कोर्ट आफ आर्म, एम फ हुसैन की पेंटिंग, योगेन्द्र चौधरी, जेमिनी राय द्वारा बनाई गई पेंटिंग्स भी प्रदर्शित की गई हैं। इन सभी पेंटिंग्स को टच स्क्रीन पर भी देखा जा सकता है।
भवन की विशेष बातें —
– राष्ट्रपति भवन को ब्रिटिश वास्तुकार सर एडविन लुटियन ने डिजाइन किया था।
-इसका निर्माण 1912 में शुरू हुआ। इसको बनने में करीब 17 साल लग गए और 1930 में यह बन कर तैयार हुआ।
– राष्ट्रपति भवन में 340 कमरे हैं।
-भारत के राष्ट्रपति उन कक्षों में नहीं रहते, जहां वाइसरॉय रहते थे। वे गेस्ट रूम में रहते हैं।
– राष्ट्रपति भवन में रहने वाले सबसे पहले भारतीय थे प्रथम भारतीय गवर्नर जनरल सी राज गोपालाचारी ।
– भारत का राष्ट्रपति भवन विश्र्व के किसी भी राष्ट्रपति आवास से कहीं बड़ा है।
– इस भवन के निर्माण में लोहे का प्रयोगग नहीं किया गया है।