खबर में पढ़िए कब और कहां होगी स्ट्रीम
दी यंगिस्तान, नई दिल्ली।
IC 814 the Kandahar hijack: प्लेन हाईजेक में एक और सीरीज फिल्म निर्माताओं ने बना दी है। इस सीरीज में विजय वर्मा, नसीरुद्दीन शाह, पंकज कपूर, दीया मिर्जा और कुमुद मिश्रा जैसे दिग्गज दिखाई देगें। मेकर्स ने वेब सीरीज ‘IC 814: द कंधार हाईजैक’ का ट्रेलर भी रिलीज कर दिया है। इसके साथ ही सीरीज के रिलीज डेट की भी घोषणा कर दी गई है। ट्रेलर देखकर ही आप अब तक बनी हाइजैक की फिल्मों और सीरीज को भूल जायेंगे। जी हां सीरीज का ट्रेलर लोगों को बेहद पसंद आ रहा है। करीब 3 मिनट के इस ट्रेलर को देखकर रोंगटे खड़े हो जाएंगे। याद रहे यह एक सच्ची कहानी पर बेस्ड सीरीज है।
दिल दहला देने वाला ट्रेलर जारी
‘IC 814: द कंधार हाईजैक’ का 3 मिनट का ये ट्रेलर देखकर सांस अटक जाती है। 30 हजार फीट की ऊंचाई पर कंधार विमान के अंदर 188 लोगों की जान खतरे में है। वहीं दूसरी ओर नीचे करोड़ों भारतीयों की सांस अटकी हुई है। ट्रेलर में विमान के अपहरण, विमान के भीतर के तनाव, इससे निपटने के लिए सरकारी तंत्र की मुश्तैदी और अराजकता को बखूबी दिखाया गया है। दहशतगर्दों की बढ़ती मांगों से लेकर भारतीय सरकार द्वारा बातचीत करने के लिए किए जा रहे हताश प्रयासों तक, अनुभव सिन्हा ने ट्रेलर में हर एक झलक दिखलाई है।
आईसी 814′ के ट्रेलर में सबसे दिल दहला देने वाला पल वह है, जब विमान में ईंधन की मात्रा कम हो जाती है और वह धीरे-धीरे आसमान से जमीन की ओर आने लगता है। विमान के कैप्टन बने विजय वर्मा ‘मे डे, मे डे’ कहते हैं। इस सीन में एक पायलट के तौर पर विजय वर्मा के चेहरे पर मनोवैज्ञानिक दबाव साफ झलकता है, जो जिंदगी और मौत के बीच अपनी पूरी कोशिश में जुटे हुए हैं।
‘IC 814: द कंधार हाईजैक’ की स्टारकास्ट
‘IC 814: द कंधार हाईजैक’ की स्टारकास्ट काफी दमदार है। इसमें दिव्येंदु भट्टाचार्य, पूजा गोर, कंवलजीत सिंह, मनोज पाहवा, पत्रलेखा, यशपाल शर्मा और आदित्य श्रीवास्तव भी प्रमुख भूमिकाओं में हैं। यह सीरीज 29 August 2024 से OTT प्लेटफॉर्म Netflix पर स्ट्रीम की जाएगी। डायरेक्टर अनुभव सिन्हा इस सीरीज के जरिए OTT पर डेब्यू कर रहे हैं। ये पहले ही ‘मुल्क’, ‘थप्पड़’, ‘आर्टिकल 17’ और ‘भीड़’ जैसी दमदार फिल्में बना चुके हैं।
ये है 1999 में घटित हुई घटना
24 दिसंबर, 1999 को काठमांडू से उड़ान भरने के 40 मिनट बाद विमान आईसी-814 का पांच आतंकवादियों ने अपहरण कर लिया था। जिसे सात दिनों तक बंधक बनाकर रखा। विमान को लेकर काठमांडू से अमृतसर और फिर लाहौर ले गए। लाहौर में इसमें फिर से ईंधन भरा गया और यह दुबई के लिए रवाना किया गया। दुबई से यह विमान तालिबान के नियंत्रण वाले कंधार पहुंचा, जहां 31 दिसंबर को सभी यात्रियों को रिहा कर दिया गया। लेकिन इसके बदले हमारे देश को जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर जैसे 3 खतरनाक आंतकी को रिहा करना पड़ा। तब तत्कालीन विदेश मंत्री जसवंत सिंह इन तीनों के साथ कंधार गए, जहां उन्हें अफगान तालिबान के हवाले कर दिया गया।