एक्टर manoj kumar और सिंगर Mahendra kapoor में कमाल का एसोसिएशन था। दोनों ना केवल निजी जिंदगी में एक दूसरे की इज्जत करते थेे बल्कि प्रोफेशनली भी कमाल की जोड़ी थी। ये रीत जहां की प्रीत सदा (ye rit jahan ki preet) और मेरे देश की धरती (mere desh ki dharti) सरीखे सैकड़ों गाने दिए। एक बार दिल्ली में स्टार नाइट का आयोजन किया जा रहा था। जिसमें लता मंगेशकर, किशोर कुमार, मोहम्मद रफी और महेन्द्र कपूर को भी गाना गाना था। इवेंट देखने बड़ी संख्या में दर्शक पहुंचे।
महेन्द्र कपूर कुछ परेशान थे। ग्रीन रुम में इधर उधर टहल रहे थे। मनोज कुमार ग्रीन रुम में आए तो उन्हें परेेशान देखा। पूछ बैठेे कि क्या हुआ? परेशान क्यों हैं7 महेेन्द्र कपूर बोलेे कि स्टार नाइट्स में रफी, लता, किशोर सरीखे बड़े गायक हैं। मेरा नंबर सबसे आखिर में है, मुझे भला कौन सुनेगा। तब तक तो दर्शक चले जाएंगे। मनोज कुमार नेे उन्हेें तसल्ली दिलाते हुए कहा कि क्लाईमेक्स फिल्म केे आखिर में होता है। महेन्द्र कपूर बोले कि फिल्मों में होता होगा, यह इवेंट है। खैर, मनोज कुमार उन्हेें किसी तरह समझाबुझाकर बाहर आ गए। सभी गार्ड को बुलाया और कहा कि आडिटोरियम का दरवाजा चारो तरफ से बंद कर दें। जब तक कार्यक्रम खत्म ना हो किसी दर्शक को बाहर ना जाने दें। वो स्टेज पर पहुंचे और दर्शकों से कहा कि महेन्द्र कपूर जब गाना गाने आए तो अंतरा पूरा होते ही कुछ लोग स्टेज पर चढ़ जाए। तालियां बजाएं ताकि महेन्द्र कपूर को अच्छा लगे।
सबसे आखिर में महेन्द्र कपूर का नंबर आया। उन्होने सुरीली आवाज में गाना शुरू किया तो मनोज कुमार ने जो कहा था दर्शक भूल गए। दर्शक खुद गानों पर झूमना शुुरू कर दिए और कई बार तो स्टेज पर आ जाते। संभालना मुश्किल होता जा रहा था। अगले दिन अखबारों में खबरें छपी तो महेन्द्र कपूर ही छाए हुए थे। सभी अखबारों में उनकी तारीफों के पुल बांधे गए थेे। इवेंट जबरदस्त हिट हुआ और महेन्द्र कपूर की खूब तारीफ हुई।