Sahitya Akademi news

संस्कृति राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने किया उद्घाटन

अर्जुन राम मेघवाल ने कहा:- साधक होता है साहित्यकार

नई दिल्ली, 11 मार्च 2024

Sahitya Akademi news: साहित्य अकादेमी द्वारा आयोजित किए जा रहे विश्व के सबसे बड़े साहित्योत्सव का आज विधिवत उद्घाटन संस्कृति राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने किया। साहित्योत्सव 2024 का उद्घाटन करते हुए उन्होंने कहा कि साहित्य लेखन एक अलग ही कला है और साहित्यकार एक साधक होता है। साधक साहित्यकार ही एक बेहतर संस्कृति का, एक बेहतर समाज का और एक बेहतर देश का निर्माण करते हैं।

आगे उन्होंने कहा कि साहित्य का उन पर भी बहुत प्रभाव हुआ है और उसी के कारण उन्होंने जीवन में मीठा बोलना सीखा है। उन्होंने मैथिलीशरण गुप्त और अन्य कवियों की पंक्तियों का उदाहरण देते हुए कहा कि साहित्य मनुष्य में विवेक पैदा करता है, जिसकी राष्ट्र-निर्माण में बड़ी भूमिका होती है। उन्होंने अपनी पत्नी पर लिखी पुस्तक के बारे में चर्चा की। उन्होंने साहित्य अकादेमी को दुनिया के सबसे बड़े साहित्योत्सव आयोजित करने के लिए बधाई देते हुए कहा कि यह बहुत बड़ी उपलब्धि है और इसका प्रभाव बहुत व्यापक होगा।

साहित्य अकादेमी (Sahitya Akademi news) के अध्यक्ष माधव कौशिक ने कहा कि भारत देश भाषाओं का सबसे बड़ा संग्रहालय है और साहित्य अकादेमी उसके संरक्षण का कार्य बहुत ही गंभीरता से निभा रही है। साहित्योत्सव द्वारा लेखकों के लिए दुनिया का सबसे बड़ा मंच प्रदान करने पर टिप्पणी करते हुए कहा कि हमारी भाषाओं की विविधता के कारण ही हमारे सोच की परिधि भी बहुत व्यापक है, जिसका लाभ देश की एकता को बनाए रखने में बेहद उपयोगी साबित होता है।

अकादेमी की उपाध्यक्ष कुमुद शर्मा ने कहा कि यह साहित्योत्सव सृजन का उत्सव है और यह मनुष्यता को एक बार फिर से आवाज़ देने का प्रतीक भी है। शब्दों की गूँज के आलोक में हमारी शब्दों की संस्कृति भी आलोकित होगी। इससे पहले साहित्य अकादेमी के सचिव के. श्रीनिवासराव ने साहित्य अकादेमी की विगत वर्ष की उपलब्धि के बारे में बताते हुए कहा कि यह साहित्य अकादेमी के 70 वर्ष और साहित्योत्सव का 40वाँ वर्ष हैं। किसी साहित्योत्सव का निरंतर 40 वर्ष तक देश के विविधतापूर्ण साहित्य को निरंतर गतिमान बनाए रखना अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है। सही मामलों में यह भारतीय भाषाओं का उत्सव है। इसके बाद श्री मेघवाल ने रिबन काटकर और दीप प्रज्वलित कर साहित्य अकादेमी प्रदर्शनी का उद्घाटन किया।

इस वार्षिक प्रदर्शिनी में चित्रों तथा लेखों के विवरण से विगत वर्ष की उपलब्धियों को प्रदर्शित किया गया था। ज्ञात हो कि भारतीय संतों के नाम पर निर्मित किए गए सभागारों में पूर्वाह्न 11.00 बजे से सायं 6.00 बजे तक विभिन्न कार्यक्रमों में एलजीबीटीक्यू लेखक सम्मिलन, भारत का भक्ति साहित्य, सांस्कृतिक अभिव्यक्ति के माध्यम के रूप में रंगमंच, वैचारिकता और साहित्य, भारत में बाल साहित्य के अनुवाद से संबंधित मुद्दे, साहित्य एवं स्त्री सशक्तिकरण, तकनीकी और साहित्य आदि विषयों पर चर्चा हुई।

इनमें भाग लेने वाले महत्त्वपूर्ण लेखक थे- असग़र वजाहत, अर्जुन देव चारण, सूर्यप्रसाद दीक्षित, नवतेज सरना, ब्रात्य बसु, अशोक चक्रधर, वामन केंद्रे, भानु भारती, ऑस्कर पुयोल, कुमार तुहिन, तपन बंद्योपाध्याय, पारो आनंद, सुजाता प्रसाद, वर्षा दास आदि। शाम को, साहित्य अकादेमी के 70 वर्ष होने के विशेष अवसर पर अकादेमी के महत्तर सदस्यों – एस.एल. भैरप्पा, तेजवंत गिल, रघुवीर चौधरी और विश्वनाथ प्रसाद तिवारी का विशेष अभिनंदन किया गया। सांस्कृतिक कार्यक्रम के अंतर्गत राजश्री वारियर द्वारा शृंगारम् शीर्षक से भरतनाट्यम् की प्रस्तुति की गई।

कल साहित्योत्सव का मुख्य आकर्षण, साहित्य अकादेमी पुरस्कार 2023 अर्पण समारोह, कमानी सभागार में शाम 5ः30 बजे होगा। इस पुरस्कार-अर्पण समारोह की मुख्य अतिथि प्रख्यात ओड़िआ लेखिका प्रतिभा राय होंगी। Sahitya Akademi news

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