2024 में रिलायंस को पछाड़कर अदाणी बना टॉप खिलाड़ी

दी यंगिस्तान, नई दिल्ली।

भारत के दो प्रमुख कारोबारी समूह, अदाणी और अंबानी, पिछले कुछ वर्षों से विलय-अधिग्रहण के क्षेत्र में शीर्ष स्थान के लिए संघर्ष कर रहे हैं। 2024 में अदाणी समूह ने 6.32 अरब डॉलर के सौदों के साथ रिलायंस इंडस्ट्रीज को पीछे छोड़ दिया, जो महज 3.14 अरब डॉलर के लेन-देन तक सीमित रहा।

2023 में अंबानी का दबदबा

हालांकि, 2023 में स्थिति उलट थी। उस समय रिलायंस ने 8.77 अरब डॉलर के सौदों के साथ बाज़ी मारी थी, जबकि अदाणी समूह केवल 1.73 अरब डॉलर तक सीमित रहा।

आंकड़ों में बदलाव

ब्लूमबर्ग के आंकड़े बताते हैं कि कोविड-19 महामारी के बाद विलय-अधिग्रहण के क्षेत्र में अंबानी और अदाणी का दबदबा बना हुआ है। 2020 में रिलायंस ने 26.08 अरब डॉलर के सौदों के साथ अपनी दूरसंचार और रिटेल इकाइयों में हिस्सेदारी बेची। वहीं, 2022 में अदाणी ने 16.56 अरब डॉलर के सौदों के साथ सीमेंट सेक्टर में कदम रखा।

2024 का आर्थिक परिदृश्य

साल 2024 में देश के शीर्ष 5 समूहों की कुल हिस्सेदारी 15.28 फीसदी रही, जिसका मूल्य 98.7 अरब डॉलर था। निजी इक्विटी और सॉवरिन निवेशकों ने भी विलय-अधिग्रहण क्षेत्र में अहम भूमिका निभाई।

भविष्य की संभावनाएं

पीडब्ल्यूसी इंडिया के पार्टनर भाविन शाह के अनुसार, 2025 में भारतीय कंपनियों के विलय-अधिग्रहण सौदे और बढ़ने की संभावना है। यह रणनीतिक वृद्धि और विविधीकरण के प्रयासों से प्रेरित होगा।

अन्य प्रमुख सौदे

2024 में भारती ग्लोबल ने 4 अरब डॉलर के सौदे के तहत ब्रिटेन की बीटी ग्रुप में 24.5% हिस्सेदारी खरीदी। यह भारतीय कंपनियों द्वारा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर किया गया सबसे बड़ा सौदा माना जा रहा है।

हाइलाइट्स

  • अदाणी समूह ने 2024 में 6.32 अरब डॉलर के सौदे किए।
  • रिलायंस इंडस्ट्रीज का आंकड़ा 3.14 अरब डॉलर रहा।
  • शीर्ष 5 समूहों की हिस्सेदारी 15.28% रही।
  • 2025 में विलय-अधिग्रहण की संभावनाएं और बेहतर।
Spread the love

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here