दादी मां कहानी सुनाने से पहले बच्चों को यह गीत सुनाती-
सरकंडे की दो गाड़ियां
उनमें मेंढक जोते जाएं
राजा मारी पोदनी हम वीर बसावन जाएं
“हां तो बच्चो, हुआ यह कि एक राजा था बड़ा अत्याचारी और निर्दयी। वह सबको बहुत सताता था। एक दिन वह घोड़े पर सवार अपनी फ़ौज के साथ जंगल में शिकार खेलने के लिए निकला। रास्ते में उसने एक पोदने की बीवी यानी पोदनी को खेत में काम करते देखा। खेत हरा-भरा था और लहलहा रहा था। राजा ने अपने सिपाहियों को आज्ञा दी कि खेत में लगी सब्जियों को तोड़ लाओ और हमारे सामने पेश करो। राजा के सिपाही खेत में घुस गए और सारी सब्ज़ियाँ उखाड़ने लगे।
पोदनी बेचारी अकेली थी। पोदना कहीं काम से गया हुआ था। पोदनी ने पहले तो सिपाहियों के आगे हाथ-पैर जोड़े लेकिन उन्होंने एक न सुनी। इस पर पोदनी सिपाहियों से लड़ने के लिए तैयार हो गई। राजा ने पोदनी को बड़ी बहादुरी से लड़ते देखा तो घोड़े से उतरकर ख़ुद पोदनी पर हमला कर दिया और उसे बुरी तरह घायल करके चल दिया। जब पोदना खेत पर पहुंचा तो अपने उजड़े हुए खेत को देखकर हक्का-बक्का रह गया। वह हैरान-परेशान इधर-उधर भागता फिरा। थोड़ी देर बाद जब उसने पोदनी को घायल पड़े देखा तो माजरा पूछा।
“पोदनी बस इतना ही कह सकी कि उसे राजा ने मारा है। यह सुनकर पोदने ने राजा से लड़ने की ठान ली पोदना अकेला था और राजा के पास बहुत बड़ी फौज थी, लेकिन उसने हिम्मत न हारी। वह जंगल की तरफ़ चल दिया। रास्ते में ज़ोर की हवा चलने लगी। हवा को भी पोदने ने सारा हाल सुनाया तो वह भी उसकी मदद के लिए तैयार हो गई। पोदने ने हवा से कहा, ‘आ मेरे कान में घुस जा।’ पोदना आगे बढ़ा तो उसे समुद्र मिला। उसने समुद्र को भी राजा के हाथों पोदनी के मारे जाने की दास्तान सुनाई। समुद्र भी पोदने की गद के लिए तैयार हो गया। पोदना ने उससे कहा, ‘आ मेरे दूसरे कान में घुस जा।’ इस तरह पोदना जंगल के जानवरों, हवा और समुद्र को साथ लेकर राजा के महल की तरफ़ जा रहा था, तो आकाश में चमकते सूरज ने उससे पूछ लिया, “पोदने पोदने कहां जा रहे हो? पोदने ने सूरज को अपनी रामकहानी सुनाई तो सूर्य देवता भी अपने सुनहरे रथ में बैठकर पोदने के साथ-साथ चल दिए। “राजा ने पोदने के साथ-साथ जंगल के जानवरों, हवा, समुद्र और सूरज को अपने महल में आते देखा तो घबराकर भागा। लेकिन अभी वह थोड़ी ही दूर गया था कि पकड़ा गया। सबने मिलकर राजा से पोदनी का मारने का बदला ले लिया।”