दोस्तों, बालीवुड की दुनिया दिलचस्प किस्सो-कहानियों से भरी पड़ी है। मायाजाल की गलियों से ऐसी ही हसीन कहानियां लेकर एक बार फिर हम हाजिर है। आज बात होगी मोहम्मद रफी (mohammed rafi) की, साथ ही उस शख्स की, जिसने मोहम्मद रफी को कोर्ट कचहरी का चक्कर लगाने पर विवश कर दिया। आखिर कौन था वो शख्स, क्यों मोहम्मद रफी को लगाना पड़ा कोर्ट कचहरी का चक्कर, ये सारी बातें आज बताएंगे।
यह उस समय की बात है जब मोहम्मद रफी के सितारे बुलंद थे। इसी समय मोहम्मद रफी ने एक पुराना बंगला खरीदा। उसे रिनोवेट करवाया और उसमें रहने लगे। जब थोड़े और पैसे आए तो पहली मंजिल पर दो कमरे और बनवा डाले। यह सोचकर कि बच्चे बड़े होंगे तो उनके काम आ जाएंगे। इन्हीं दिनों एक संगीतकार लाहौर से मुंबई आए थे। इनका नाम था सरदूल सिंह क्वात्रा।
सरदूल सिंह ने पंजाबी फिल्मों के अलावा दो दर्जन से अधिक हिंदी फिल्मों में भी संगीत दिया था। गूंज, पिलपिली साहब, मिर्जा साहब आदि प्रमुख फिल्में शामिल हैं। इन फिल्मों में संगीत देने के क्रम में ही सरदूल सिंह की मुलाकात एक दिन मोहम्मद रफी साहब से हुई। दोनों में काफी अच्छी बातचीत होने लगी। एक दिन किसी काम के सिलसिले में सरदूल सिंह, मोहम्मद रफी के घर गए।
सरदूल सिंह ने देखा कि मोहम्मद रफी के घर की पहली मंजिल पर दो कमरे खाली हैं। उन्होंने गुजारिश की कि वे कमरे उन्हें रहने के लिए दिए जाएं। उन्होने यह कहा कि, जब मोहम्मद रफी साहब कहेंगे वो तुरंत कमरा छोड़ कर चले जाएंगे। मोहम्मद रफी साहब मान गए। वो दोनों कमरे उन्होंने सरदूल सिंह को दे दिए। कई साल तक सरदूल सिंह उन्हीं कमरों में रहे। कुछ साल बाद जब बच्चे बड़े हुए तो रफी साहब को उन कमरों की जरूरत महसूस हुई।
एक दिन उन्होंने सरदूल को सारी बात बताते हुए कमरा खाली करने की गुजारिश की। लेकिन रफी साहब को तब हैरानी हुई जब सरदूल सिंह ने कमरा खाली करने से इंकार कर दिया। यही नहीं उलटे मोहम्मद रफी के खिलाफ पुलिस थाने में मारपीट, गाली गलौच की धाराओं में एफआईआर दर्ज करवा दी। इसके बाद तो मोहम्मद रफी को अपना ही घर किरायेदार से खाली करवाने के लिए कोर्ट-कचहरी का चक्कर लगाना पड़ा। हालांकि उन दिनों मोहम्मद रफी को फिल्म इंडस्ट्री में काफी लोग जानते थे। वे मोहम्मद रफी के व्यवहार से भी परिचित थे। इसलिए, सरदूल सिंह को काम मिलना बंद हो गया। जब काम मिलना बंद हो गया तो मजबूरन सरदूल सिंह को कमरा खाली करना पड़ा। इस तरह मोहम्मद रफी को अपना किराए पर दिया कमरा वापस मिला।