हिंदी भाषी राज्यों से होकर गुजरात है दिल्ली की सत्ता का रास्ता
Lok Sabha Election 2024: केंद्र की मोदी सरकार ने फरवरी महीने में अंतरिम बजट पेश किया था। बजट के बाद कांग्रेस सांसद डीके सुरेश के बयान पर काफी हंगामा मचा था। सुरेश ने तब कहा था कि केंद्र सरकार दक्षिण भारतीय राज्यों को जीएसटी और प्रत्यक्ष करों का उचित हिस्सा नहीं दे रही है।
दक्षिण भारतीय राज्यों के साथ अन्याय हो रहा है। दक्षिण भारतीय राज्यों से एकत्रित पैसा उत्तर भारतीय राज्यों को दिया जा रहा है। अगर ऐसा ही चलता रहा तो हम एक दिन अलग देश की मांग करने के लिए मजबूर हो जाएंगे।
डीके सुरेश ने कहा था कि केंद्र दक्षिण भारत के राज्यों से चार लाख करोड़ रुपये से अधिक लेती है बदले में न के बराबर दे रही है। इसके पीछे सीटों का गुणा गणित भी है। दरअसल, दक्षिणी राज्यों के मुकाबले हिंदी भाषी राज्यों में लोकसभा की सीटें अधिक है।
हिंदी पट्टी के राज्यों में 214 लोकसभा सीटें हैं जबकि दक्षिण भारत में 132 सीटें हैं। जिसमें सर्वाधिक 39 सीटें तमिलनाडु में है।
राज्य———————–सीटें
उत्तर प्रदेश— 80
महाराष्ट्र- 48
बंगाल— 42
बिहार—40
मध्य प्रदेश—29
गुजरात – 26
राजस्थान – 25
ओडिशा- 21
झारखंड – 14
पंजाब – 13
छत्तीसगढ़ – 11
हरियाणा – 10
उत्तराखंड – 5
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