शेयर बाजार में डॉ. मनमोहन सिंह के कार्यकाल का ऐतिहासिक प्रदर्शन

दी यंगिस्तान, नई दिल्ली।   

Dr. Manmohan Singh: पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का कार्यकाल भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए ऐतिहासिक था। खासकर 2008 में जब वैश्विक मंदी ने पूरी दुनिया को प्रभावित किया, तब डॉ. मनमोहन सिंह ने अपनी दूरदृष्टि और कड़े फैसलों से भारत को इस संकट से उबारा और न केवल देश को बचाया बल्कि लोगों को भी संपत्ति कमाने का मौका दिया।

2008 की वैश्विक मंदी में डॉ. मनमोहन सिंह ने कैसे भारत को बचाया?

2008 में जब अमेरिकी मंदी का असर भारत पर पड़ा, तो लाखों लोगों को नौकरी गंवानी पड़ी और शेयर बाजार में भारी गिरावट आई। लेकिन डॉ. मनमोहन सिंह के फैसलों ने भारत को इस संकट से उबारते हुए अर्थव्यवस्था को फिर से मजबूत किया। इस दौरान सेंसेक्स ने 168% का शानदार रिटर्न दिया, जो प्रधानमंत्री के तौर पर डॉ. मनमोहन सिंह का पहला कार्यकाल आर्थिक दृष्टि से बेहतरीन साबित हुआ।

शेयर बाजार में डॉ. मनमोहन सिंह का ऐतिहासिक प्रदर्शन

डॉ. मनमोहन सिंह के पहले कार्यकाल में शेयर बाजार ने जो रिटर्न दिया, वह भारतीय राजनीति के सभी बड़े नेताओं से बेहतर था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में जहां सेंसेक्स ने क्रमशः 61% और 91% का रिटर्न दिया, वहीं डॉ. मनमोहन सिंह के पहले कार्यकाल में यह आंकड़ा 168% था। इस लिहाज से डॉ. मनमोहन सिंह का कार्यकाल भारत के शेयर बाजार के लिए सबसे बेहतरीन साबित हुआ।

डॉ. मनमोहन सिंह की दूरदृष्टि ने भारत को किया संपन्न!

1991 में पीवी नरसिम्हा राव के नेतृत्व में किए गए आर्थिक सुधारों के बाद, डॉ. मनमोहन सिंह ने 2008 की मंदी के दौर में एक और आर्थिक चमत्कार किया। उनकी नीतियों ने न केवल देश को मंदी से बचाया बल्कि लाखों भारतीयों को वित्तीय समृद्धि का रास्ता भी दिखाया।

डॉ. मनमोहन सिंह न केवल एक सक्षम और दूरदृष्टि प्रधानमंत्री थे, बल्कि उनके फैसलों ने भारत को वैश्विक मंदी के बावजूद आर्थिक मजबूती दी और देशवासियों को फायदा पहुँचाया। उनके पहले कार्यकाल में किए गए आर्थिक सुधारों की आज भी सराहना की जाती है

डॉ. मनमोहन सिंह की प्रमुख उपलब्धियां

1991 का आर्थिक सुधार:
भारत में उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण की शुरुआत, जिसने देश की अर्थव्यवस्था को नई दिशा दी।

2008 की वैश्विक मंदी से उबरना:
अपनी दूरदर्शिता और साहसिक नीतियों से भारत को आर्थिक संकट से बाहर निकाला।

शेयर बाजार में ऐतिहासिक वृद्धि:
प्रधानमंत्री के तौर पर उनके पहले कार्यकाल में सेंसेक्स ने 168% का रिटर्न दिया।

नवीनतम बैंकिंग सुधार:
बैंकों के निजीकरण और विकास के लिए अहम कदम उठाए, जिससे वित्तीय संस्थान मजबूत हुए।

वैश्विक मंच पर भारत की स्थिति मजबूत की:
जी20 और अन्य अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की प्रतिष्ठा बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (MGNREGA):
ग्रामीण भारत में रोजगार सृजन के लिए ऐतिहासिक योजना लागू की।

भारत-अमेरिका परमाणु समझौता:
भारत को वैश्विक परमाणु ऊर्जा मानचित्र पर स्थापित किया।

मिडिल क्लास की आर्थिक समृद्धि:
नीतियों से मध्यम वर्ग के लोगों को वित्तीय स्थिरता और निवेश के अवसर मिले।

सबसे तेज़ आर्थिक विकास दर:
उनके कार्यकाल में भारत ने 9% से अधिक की GDP ग्रोथ हासिल की।

 नीतिगत पारदर्शिता और स्थिरता:
आर्थिक नीतियों में दूरदृष्टि और स्थिरता के कारण वैश्विक मंदी में भी भारत में निवेश बढ़ा।

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