भारत पेट्रोल और डीजल के मामले में अन्य देशों पर आश्रित है। लेकिन अब मोदी सरकार (PM NARENDRA MODI) इस मामले में भी देश को आत्मनिर्भर बनाने की योजना पर काम कर रही है। इस योजना का सूत्रपात भी हो चुका है। IIT DELHI के विज्ञानी इस पर काम कर रहे हैं। ट्रायल बहुत ही सफल रहा है। वैज्ञानिकों ने कोयले से मेथेनॉल बनाने में सफलता प्राप्त कर ली है। यह पेट्रोल और डीजल के मुकाबले 5 गुना सस्ता होगा।

आइआइटी पदाधिकारियों ने बताया कि अभी पायलट प्रोजेक्ट के रूप में पुणे में सबसे घटिया गुणवत्ता वाले कोयले से मेथेनाल बनाया जा रहा है। यह कोयला सबसेे अधिक राख उत्पन्न करने वाली श्रेेणी का होता है। इस कोयले का इस्तेमाल अभी तक नहीं हो रहा था। अभी हररोज 500 मीट्रिक टन कोयले से 1 मीट्रिक टन मेथेनाल बनाया जा रहा है। इसकी कीमत 15 से 18 रुपये प्रति लीटर है। अभी उत्पादन कम हो रहा है। सरकार इस पर सक्रियता से काम कर रही है। मेथेनाल का ट्रायल दोपहिया और चार पहिया दोनों तरह के वाहनों में पूरी तरह सक्सेसफुल रहा है।

इन वाहनों में प्रयोग

आइआइटी ने बताया कि फिलहाल ईंधन के रूप में मेथेनॉल के प्रयोग के लिए वाहन में थोड़ा बदलाव करना जरूरी होता है। मसलन, 100-125 सीसी की बाइक के प्लग और कार्बोरेटर में बदलाव करना पड़ता है। इस तरह के बदलाव का खर्च बहुत भारी भरकम नहीं होता है। केवल 100 खर्च करने पड़ते हैं और कार्बोरेटर के छेद को थोड़ा बड़ा कर दिया जाता है। छोटे इंजन वाले वाहनों में 15 प्रतिशत मेथेनाल व 85 प्रतिशत पेट्रोल और बड़े इंजन वाले वाहनों में 85 प्रतिशत मेथेनाल व 15 प्रतिशत पेट्रोल का इस्तेेमाल किया जा रहा है। चीन सहित यूरोप के कई देशों में मेथेनाल से वाहन चल रहे हैं।

ओडिशा में लगा प्लांट

ओडिशा के अनुगुल जिले में मेथेनाल का प्लांट लगाया जा रहा है। यहां प्रतिदिन 7500 मीट्रिक टन कोयले से 15 मीट्रिक टन मेथेनाल का उत्पादन होगा। असम और मध्य प्रदेश में भी प्लांट लगाने की तैयारी है।

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