मलका के बुत के पीछे टाउन हाल की इमारत है। जिसमें आजकल दिल्ली म्युनिसिपल कारपोरेशन का दफ्तर है। यह इमारत 1863 ई. में बननी शुरू हुई और 1866 में बनकर तैयार हुई। इस पर 1,60,000 रुपये की लागत आई थी।
पहले यह शहर का बड़ा भवन था। इसमें जलसे हुआ करते थे। अंग्रेज शासकों के बड़े-बड़े तैल चित्र इसके हाल में लगे हुए थे। एक भाग में पुस्तकालय था, जो अब हार्डिंग पुस्तकालय बन गया है। उत्तरी भाग के एक कमरे में अजायबघर बना हुआ था। टाउन हाल के उत्तर की तरफ बाग में एक टैरेस बना हुआ है। उस तरफ के बाग के हिस्से में एक चबूतरे पर किसी जमाने में पत्थर का हाथी खड़ा हुआ था, जो बाद में लाल किले में चला गया। उसकी जगह तोप रख दी गई थी। अब वहां फव्वारा है। उसी तरफ स्टेशन की ओर अभी हाल में गांधीजी की तांबे की बनी हुई एक बड़ी मूर्ति लगाई गई है, जिसका मुंह टाउन हाल की तरफ है और जो ऊंचे चबूतरे पर खड़ी है।