1930 में अमेरिका के कोलंबिया में सुब्बुलक्ष्मी की निकाली गई पहली ग्रामोफोन

दी यंगिस्तान, नई दिल्ली।

एमएस सुब्बुलक्ष्मी का जीवन परिचय

दक्षिण भारत के मदुराई नामक नगर में एक देवदासी परिवार में सुब्बलक्ष्मी का द १६ सितंबर, १९९६ को जन्म हुआ। उनका मूल नाम कुंजम्मा था। उनकी माँ मदुराई मुगवादि मीनाक्षी मंदिर की सुप्रसिद्ध गायिका एवं वीणा वादिका थीं।

उनकी बड़ी बहन वडिवंबल वीणा बजाती थीं, जबकि उनके भाई शक्तिवेल मृदंग बजाया करते थे। दस वर्ष से कम आयु से ही सुब्बलक्ष्मी ने अपनी मां के साथ महफिलों में गाना शुरू किया।

संगीत करियर

मदुराई श्रीनिवास आयंगार से उन्हें कर्नाटक संगीत की शिक्षा मिली, जबकि हिंदुस्तानी संगीत उन्होंने पं. नारायणराव व्यास के चरण-कमलों में बैठकर सीखा। पं. दिलीप कुमार राय और बनारस की प्रसिद्ध गायिका सिद्धेश्वरी देवी से टप्पा व दुमरी की शिक्षा प्राप्त की।

दक्षिण भारत के सुप्रसिद्ध एवं महान् कलाकार सम्मनगुडी श्रीनिवास अय्यर से भी संगीत की शिक्षा ली। इस प्रकार श्रेष्ठ गुरुओं से प्राप्त शिक्षा एवं दैव प्रदत्त- प्रतिभा से सुब्बलक्ष्मी के गायन में दिनोंदिन निखार आता गया।

पहला ग्रामोफोन रिलीज

1930 में कोलंबिया ग्रामोफोन कंपनी ने उनकी पहली ग्रामोफोन निकाली तथा १९३८ में यूनाइटेड आर्टिस्ट की फिल्म ‘सेवा सदन’ में अभिनय और गायन के लिए आमंत्रित किया गया। इसमें पहली बार उन्होंने तमिल में गाना गाया।

शास्त्रीय गायन का प्रथम अवसर उन्हें सन् 1932 में मात्र सत्रह वर्ष की आयु में प्राप्त हुआ। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार संगीत नाटक अकादमी, मद्रास के संगीत सम्मेलन में प्रसिद्ध कलाकार अरियाकुडी रामानुज आयंगार को आना था, किंतु अस्वस्थता के कारण उपस्थित न हो सके। उनके स्थान पर सुब्बलक्ष्मी का शास्त्रीय गायन हुआ, जिसकी सभी उपस्थित श्रोताओं के साथ संगीतज्ञों ने भूरि-भूरि प्रशंसा की।

शादीशुदा जिंदगी

सन् १९३६ में सुब्बलक्ष्मी टी. सदाशिवम् के संपर्क में आई तथा १९४० में दोनों ने विवाह कर लिया। सन् १९४० से १९४७ के मध्य का समय सुब्बलक्ष्मी एवं सदाशिवम् के लिए भाग-दौड़ का समय रहा। इसी समय ‘मीरा चित्रपट’ में उन्होंने मीरा को सशक्त भूमिका अदा की।

पंडित जवाहर लाल नेहरू ने की तारीफ

माउंटबेटन और पं. जवाहरलाल नेहरू ने ‘मीरा’ फिल्म देखने के बाद अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा था कि केवल मीरा की भूमिका ही नहीं निभाई गई है, किंतु आर्तस्वर में भक्तिपूर्ण पदों का गायन करनेवाली स्वयं मीरा को ही सुब्बलक्ष्मी ने हमारे समक्ष उपस्थित किया है।

महात्मा गांधी ने सुना भजन

सन् १९४७ में अपने जन्मदिन पर महात्मा गांधी ने सुब्बलक्ष्मी की आवाज में ‘हरि तुम हरो जन की पीर’ पद को सुनने की इच्छा प्रकट की। सुब्बलक्ष्मी ने इस भजन की धुन बनाकर आकाशवाणी के स्टूडियो में रिकॉर्ड करवाया और प्रातः काल ही उसे हवाई जहाज से गांधीजी के पास दिल्ली भेज दिया गया।

कुछ ही दिनों के पश्चात् महात्मा गांधी की हत्या कर दी गई और रेडियो पर इसकी सूचना के साथ ‘हरी तुम हरो जन की पीर’ भजन का प्रसारण हुआ तो सुनकर सुब्बलक्ष्मी अचेत हो गई। बाद में कई वर्षों तक उन्होंने इस पद को गाना ही छोड़ दिया।

संगीत में योगदान

संगीत में विशिष्ट योगदान के लिए सन् १९५४ में उन्हें भारत सरकार की ओर से ‘पद्मभूषण’ भूरि-भूरि प्रशंसा से सम्मानित किया गया तथा १९५६ में भारत सरकार ‘राष्ट्रपति पुरस्कार’ से विभूषित किया गया। सन् १९६३ के एडिनबरा अंतरराष्ट्रीय समारोह में प्रमुख भारतीय महिला कलाकार की हैसियत से उन्हें बड़ा सम्मान मिला। सन् १९६६ के संयुक्त राष्ट्र महासभा में उन्हें गाने के लिए आमंत्रित किया गया।

इस समारोह में सुब्बलक्ष्मी के गायन पर ‘वाशिंगटन डेली न्यूज’ ने टिप्पणी में उन्हें विश्व स्तरीय कलाकार माना। इस समारोह में उनकी ‘श्रेयो भूयात सकल जनानाम्’ गाई हुई प्रार्थना अभी तक विश्व में चिर स्मरणीय है। सन् १९६७ में रवींद्र भारती विश्वविद्यालय एवं १९७३ में दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा मानद डी. लिट की उपाधि प्रदान की गई। सन् १९६८ में मद्रास संगीत नाटक अकादमी की पहली महिला अध्यक्ष के रूप में उनका चयन किया गया। संगीत कार्यक्रमों के माध्यम से उत्कृष्ट समाज-सेवा के लिए सन् १९७४ में उन्हें ‘मैग्सेसे पुरस्कार’ दिया गया। अगले ही वर्ष सन् १९७५ में उन्हें से भारत सरकार द्वारा अलंकृत किया गया।

सन् १९७७ में न्यूयॉर्क के कारनेजी हॉल में उनके गायन का कार्यक्रम हुआ। इसी अवधि में उत्तरी अमेरिका की हिंदू टेंपल सोसाइटी की ओर से उन्हें गाने का निमंत्रण प्राप्त हुआ। अमेरिका के दौरे में मंदिरों के निर्माण हेतु कोस्ट टू कोस्ट कंसर्ट टूर्स करके आपने अपना योगदान दिया। सन् १९८० में तमिलनाडु को ऑयल असाई नाटक मन्चन की ओर से ‘थानी-पेरेमकुलैग्ना पुरस्कार’ प्रदान किया गया।

सन् १९८१ में आंध्र प्रदेश सरकार की ओर से आस्थान विद्वान् पद पर नियुक्ति की गई तथा इसी वर्ष अंतरराष्ट्रीय म्यूजिक काउंसिल की ओर से ‘मेंबर ऑफ ऑनर’ चयनित किया गया, साथ ही आंध्र प्रदेश सरकार की ओर से ‘विदुषीमणि’ की उपाधि प्रदान की गई।

सन् १९८२ में लंदन में भारतोत्सव उद्घाटन के अवसर पर महारानी एलिजाबेथ के समक्ष उनका गायन और १९८७ में भारतोत्सव के उद्घाटन पर मास्को के क्रेमलिन राजप्रासाद में संगीतज्ञों की उपस्थिति में हुई महफिल चिरस्मरणीय हैं। १९८८ में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र की सदस्य समिति के रूप में उनका चयन किया गया तथा मध्य प्रदेश सरकार द्वारा ‘कालिदास सम्मान’ से सम्मानित किया गया।

सन् १९९० में राष्ट्रीय एकात्मता के लिए दिए जानेवाला ‘इंदिरा गांधी पुरस्कार’ प्राप्त हुआ। सन् १९९१ में ‘कोणार्क पुरस्कार’ एवं ‘दादाभाई नौरोजी पुरस्कार’। सन् १९९६ में ‘डॉ. राजा सर अन्नमलै चेट्टियार पुरस्कार’ । २० दिसंबर, १९९६ को रसिक रंजनी सभा में ‘कलारत्नम् सम्मान’ आदि असंख्य पुरस्कारों से सम्मानित एम. एस. सुब्बलक्ष्मी को सन् १९९८ में ‘ भारत रत्न’ जैसे सर्वोच्च नागरिक, सम्मान से सम्मानित किया गया।

एमएस सुब्बुलक्ष्मी का निधन

इस प्रकार अनेक सम्मानों से सम्मानित स्वर सम्राज्ञी तथा उत्तर एवं दक्षिणी भारतीय संगीत की निष्णात गायिका एम. एस. सुब्बलक्ष्मी ११ दिसंबर, २००४ की रात्रि को नादब्रह्म में लीन हो गईं। उनका जीवन एवं कार्य, उनकी निष्ठा एवं साधना, उनकी सरलता एवं सहजता, उनकी उदारता एवं दानशीलता, सर्वांगीण रूप में उनकी भारतीयता युगों-युगों तक अविस्मरणीय रहेगा।

यह भी पढ़ें:-

khan sir biography,खान सर की जीवनी

मयंक यादव की जीवनी, Mayank Yadav biography

महात्मा गांधी की जीवनी,mahatma gandhi biography in hindi

विनायक दामोदर सावरकर का जीवन परिचय

कर्पूरी ठाकुर की जीवनी: Karpoori Thakur Biography Hindi

उषा उथुप की जीवनी Usha Uthup Biography in Hindi

इसरो चीफ़ डॉ एस सोमनाथ का जीवन परिचय

अमजद अली खान की जीवनी, ustad Amjad Ali khan biography

उस्ताद अब्दुल हलीम जाफर खां की जीवनी, Ustad Abdul Halim Jaffer Khan biography

अन्नपूर्णा देवी जीवनी, Annapurna devi biography

अनिल बिस्वास की जीवनी, Anil Biswas biography in hindi 

सरदार स्वर्ण सिंह की जीवनी, Sardar Swaran Singh biography in Hindi

Amir Khusrau,अमीर खुसरो की जीवनी

उस्ताद अमीर खां की जीवनी, ustad amir khan biography

Spread the love

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here