हाइलाइट्स
- पंडित विजयालक्ष्मी ने पीएम नेहरू को लिखा था पत्र
- पत्र में तत्कालीन गृहमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के बारे में किया गया था जिक्र
- गृहमंत्री ने नेहरू की एक बहन की कार को सीमा शुल्क लिए बैगर देश में कराया प्रवेश
पंडित जवाहर लाल नेहरू (pandit jawaharlal nehru), गृहमंत्री लाल बहादुर शास्त्री (lal bahadur shastri home minister) पर बहुत ज्यादा भरोसा करते थे। शास्त्री भी नेहरू का बहुत सम्मान करते थेे। लेकिन शास्त्री, नेहरू परिवार के साथ बहुत संभलकर व्यवहार करते थे। खासकर नेहरू की दोनों बहनों विजयलक्ष्मी पंडित (pandit vijay laxmi) और कृष्णा हाथीसिंह (krishna hathi singh) और उनकी बेटी इन्दिरा गांधी (indira gandhi) के साथ। जब शास्त्री वाणिज्य मंत्री थे तो उन्होंने पश्चिमी जर्मनी में कृष्णा हाथीसिंह को भेंट की गई एक कार को सीमा शुल्क के बगैर ही भारत में आने की अनुमति दे दी थी।
गृहमंत्री के रूप में शास्त्री के कार्य से पूरा देेश प्रभावित था। वे जब गृहमंत्री थे तभी एक पत्र के बारे में जानकर स्तब्ध रह गए थे। यह पत्र दरअसल, पंडित विजयालक्ष्मी ने पीएम नेहरू के नाम लिखा था। वे तब महाराष्ट्र की गवर्नर थीं और उन्होंने नेहरू को लिखा था कि केन्द्रीय मंत्री, राजभवनों को डाक बंगलों की तरह इस्तेमाल करते थे। शास्त्री बम्बई गए थे तो राजभवन में ही ठहरे थे। यह पढ़ने के बाद शास्त्री जी दोबारा राजभवन में नहीं ठहरेे। उस दिन के बाद से शास्त्री और उनका पूरा स्टाफ रातों में भी हवाई अड्डों पर ही रुकने लगा, भले ही कितनी ही मुश्किलें क्यों न हों। उन्होंने दोबारा कभी किसी राजभवन में जाने का नाम तक नहीं लिया।