Mulayam singh yadav death news: मुलायम सिंह (mulayam singh yadav) पढ़ने में बहुत तेज थे। उनका खेलों के प्रति भी लगाव था। वे पहलवानी करते थे और कुश्ती लड़ने के शौकीन थे। खो खो उनका प्रिय खेल था। समसामयिक विषयों पर होने वाली वाद-विवाद प्रतियोगिताओं में भी वे बढ़-चढ़कर भाग लेते थे।

पहलवान के रूप में ख्याति

मुलायम सिंह यादव के पिता की हार्दिक इच्छा थी कि उनके लड़के पहलवान बनें, मुलायम सिंह ने उनकी इच्छा एक सीमा तक पूरी की। वे जोर आजमाइश करने के लिए अखाड़े में जाते थे। वे वहां जमकर कसरत करते थे। वे दंगल भी जीतते थे। राजापुर में आयोजित एक दंगल में उन्होंने अपने से ताकतवर पहलवान को अपने धोबियापछाड़ से चित कर सभी लोगों को आश्चर्य में डाल दिया था। करहल में हुई एक अन्य कुश्ती में उन्होंने आधे घंटे हुए कड़े संघर्ष के बाद राज्यस्तरीय पहलवानी सरयूदीन त्रिपाठी को चित कर दिया।

यहां यह बात उल्लेखनीय है कि त्रिपाठी सुगठित शरीर वाले पहलवान थे और मुलायम सिंह से दुगुने ताकतवर भी। कुछ वर्षों बाद सरयूदीन अपनी पहलवानी के बल पर यूपी के खुफिया विभाग में सब-इंस्पेक्टर हो गये और कालांतर में मुलायम सिंह विधायक निर्वाचित हुए। अजीब संयोग यह रहा कि त्रिपाठी की नियुक्ति उसी विधानसभा क्षेत्र में ही हो गई। दोनों पहलवानों का अक्सर आमना-सामना होता रहता था। जब कभी उन लोगों की भेंट होती, तो वे पुराने दिनों की याद ताजा करते हुए एक-दूसरे से गले मिलते।

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