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अमेरिकी राष्ट्रपति ने वियतनाम मसले पर मांगी राय तो छत की तरफ क्यों देखने...
हाइलाइट्स
पंडित जवाहर लाल नेहरू ने 1961 में की थी अमेरिकी यात्राअमेरिकी राष्ट्रपति जाॅन कैनेडी भारतीय पीएम की वियतनाम पर राय जानना चाहते थेकैनेडी ने...
जब ना चाहते हुए भी जवाहर लाल नेहरू और जनरल मुहम्मद अयूब खान को...
अयूब खान 10 सितंबर 1959 को इस्लामाबाद से ढाका जाते वक्त नई दिल्ली के पालम हवाई अड्डे पर रुके
कुलदीप नैयर ने अपनी किताब एक...
चीनी सेना आगे बढ़ रही थी, भारत ने पीछे से 64 चौकियां बना ली...
चीन (china) ने भारत (India) के ही पुराने नक्शों (old map) को आधार बनाकर कई इलाकों पर दावा ठोंका। इन नक्शों को जलाने के...
भारत के नक्शे को आधार बनाकर जब चीन ने ठोंका था दावा India China...
हाइलाइट्स
भारत के कुछ पुराने नक्शों में विवादित क्षेत्र चीन में दिखाए गएभारत सरकार ने इन नक्शों को जलाने के दिए थे निर्देशकुलदीप नैयर ने...
सरदार पटेल ने नेहरू को क्यों दी आंखें खुली रखने की चेतावनी sardar patel...
-नेहरू के खिलाफ जनआक्रोश काफी बढ़ गया था
-चीन की चालबाजी भांपने में नेहरू सरकार चूक गई
पंडित जवाहर लाल नेेहरू को लगता था कि चीन...
नेहरू ने बार्डर पर भेजे सैनिक, चीनी गश्त दल ने भारतीय जवानों को घोड़े...
-नई दिल्ली ने जताया विरोध लेकिन चीन ने भाव तक नहीं दिया
-नेहरू कार्यकाल में अधिकारियों के बीच क्योंं मशहूर था एक चुटकुला
कुलदीप नैयर अपनी...
भारत-पाकिस्तान युद्ध 1965 को विस्तार से समझिए India Pakistan War 1965 History In Hindi
हमलावर मिशनरी भावना से अपने मकसद में जुटे हुए थे। उन्हें उम्मीद थी कि स्थानीय जनता से भी उन्हें भरपूर सहयोग मिलेगा, जिसे वे 'आजाद' करवाने आए थे। लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। कश्मीरी इन घुसपैठियों की बातों में नहीं आए और इनसे दूर ही रहे। 8 अगस्त को घुसपैठिए श्रीनगर के बाहरी इलाकों तक पहुँच गए तो राज्य सरकार के हाथ-पाँव फूल गए। उसने भारत सरकार को राज्य में मार्शल लॉ लगाने का सुझाव दिया। केन्द्र ने इस सुझाव पर अमल करते हुए सेना को पूरे कश्मीर को अपने नियंत्रण में ले लेने के लिए कहा। लेकिन सेना के कमांडरों ने केन्द्र सरकार को ऐसा कोई कदम न उठाने की सलाह दी और उसे भरोसा दिलाया कि हालात इतने खराब नहीं थे जितने राज्य सरकार दिखाने की कोशिश कर रही थी।
Maulana abul kalam azad: देश के पहले शिक्षा मंत्री ने आखिर भारत रत्न सम्मान...
आजादी के बाद भारत के पहले शिक्षा मंत्री का पद संभालने वाले मौलाना अबुल कलाम आजाद ने देश का सर्वोच्च सम्मान 'भारत रत्न' स्वीकार करने से इनकार कर दिया। कहा जाता है कि जब उनसे इस सम्मान के बारे में पूछा गया तो उन्होंने नेहरू से कहा कि में जो लोग इन पुरस्कारों का फैसला करते हैं, उनका अपने-आपको पुरस्कार देना हर तरह से अनुचित था।
जब पद्मश्री पुरस्कारों के लिए राष्ट्रपति डा. राजेंद्र प्रसाद ने सुझाया ‘दक्षिण की मिस...
-गलतफहमी के चलते एक साथ, एक नाम के दो लोेगों को देेना पड़ गया पद्मश्री
-'मिस लेजरस' नाम की दो महिलाओं को देना पड़ा पद्मश्री...
-जीबी पंत के प्रयास से समिति ने 1965 से हिंदी को मुख्य भाषा मान...
-नेहरू नहीं चाहतेे थे अंग्रेजी के लिए सब्सिडिअरी शब्द इस्तेमाल किया जाए
-गृहमंत्री ने दुखी मन से कहा-हिंदुस्तान में हिंदी कभी नहीं आएगी
गृहमंत्री जीबी पन्त...