सन 1981 में आयी मुजफ्फर अली (muzaffar ali) की ‘फिल्म उमराव जान’ Umrao jaan movie 1981 हिंदी सिनेमा के बेहतरीन फिल्मों में शामिल है। अभिनेत्री रेखा, अभिनेता नसीरुद्दीन शाह, फारुख शेख की शानदार अदाकारी वाली इस फिल्म की आज भी सिनेप्रेमियों के दिलों में खास जगह है। इस फिल्म के गाने एक से बढ़कर एक थे। फिल्म में संगीत दिया है खय्याम साहब ने। लेकिन क्या आपको पता है कि इस फिल्म के संगीत की पहली पसंद जयदेव थे। लेकिन निर्देशक मुजफ्फर अली और जयदेव के बीच कुछ ऐसे मतभेद उभरे कि जयदेव को फिल्म छोड़नी पड़ी।
1978 में रिलीज हुई मुजफ्फर अली की फिल्म ‘गमन’, का संगीत जयदेव ने दिया था। मुजफ्फर अली को जयदेव का संगीत बहुत पसंद आया था। शायद यही वजह थी कि मुजफ्फर अली ने उमराव जान फिल्म का निर्माण कार्य शुरू करने के साथ ही संगीत की जिम्मेदारी जयदेव को दे दी थी।
जयदेव ने उमराव जान फिल्म की धुनों पर काम करना शुरू कर दिया था। कुछ धुनें बना भी ली थीं। एक दिन जयदेव, मुजफ्फर अली के घर पहुंचे। बातचीत के क्रम में जयदेव ने मुजफ्फर अली के सामने एक प्रस्ताव रखा कि वो फिल्म के कुछ गीत मशहूर गजल गायिका मधुरानी से गवाना चाहते हैं। मुजफ्फर अली मान गए, लेकिन अपनी पत्नी से बातचीत के बाद मुजफ्फर अली का मन बदल गया।
मुजफ्फर अली चाहते थे कि जयदेव इस फिल्म के गाने लता मंगेशकर, आशा भोंसले सरीखे स्टार से गवाए। लेकिन जयदेव चाहते थे कि मधुरानी गाए। इस बीच जयदेव ने मधुरानी से मुलाकात भी कर ली थी।
उनके हिसाब से गानें की धुन भी तैयार करने लगे थे। मुजफ्फर अली के पास अपने लॉजिक थे पर जयदेव भी अड़े हुए थे। एक समय ऐसा भी आ गया जब दोनों में से किसी एक का झुकना जरूरी हो गया। यह लग गया कि इस फिल्म से किसी एक को हटना ही होगा। चूंकि मुजफ्फर अली प्रोड्यूसर थे, वो हट नहीं सकते थे। लिहाजा, जयदेव ने खुद को फिल्म से अलग कर लिया।
जयदेव के हटने के बाद संगीत की जिम्मेदारी खय्याम को दी गई। खय्याम ने मुजफ्फर अली की मंशा के अनुरूप उमराव जान के गाने आशा भोंसले से गवाए।