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दिल्ली में बच्चा पैदा होने पर गाए जाते हैं ये लोकगीत, जहांगीर के पैदा...

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हमसे वाट्सएप से जुड़िए https://whatsapp.com/channel/0029VaNLx3XCRs1fvrDml50o लोकगीत जन-जीवन का बड़ा सुंदर चित्र हैं। छठी-छिल्ले से लेकर दूसरी रस्मों तक की हू-ब-हू तस्वीरें लोकगीतों में मिलती हैं। स्त्री...

गारी गीत: रामजी से पूछे जनकपुर के नारी

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हमसे वाट्सएप से जुड़िए https://whatsapp.com/channel/0029VaNLx3XCRs1fvrDml50o गारी गीत: आचार्यश्री सुदर्शनजी महाराज द्वारा रचित यह गाली (गारी) गीत बड़ा ही सरस और मोहक है। सीता की बहनें और...

चौसर खेल का इतिहास, दिल्लीवाले क्यों पसंद करते थे इसे

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चौसर या चौपड़ एक प्राचीन हिन्दुस्तानी खेल है। इसे पच्चीसी भी कहा जाता है। इसके खालिस हिन्दुस्तानी खेल होने में किसी को संदेह नहीं...

मुस्लिम काल की दिल्ली (पठान काल) : लाल महल किले का इतिहास

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कुश्के लाल अथवा किला मर्गजन अथवा दारुल अमन लाल महल (कुश्क लाल) को गयासुद्दीन बलबन ने 1255 ई. में बनवाया। इस महल के इतिहास...

दिल्ली के लोकगीतों का इतिहास

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प्राचीन दिल्ली के आस-पास भी देहात थे और आज भी हैं। जहां शहर की फसील से बाहर कदम रखा, देहात का सिलसिला शुरू हो...

मुस्लिम काल की दिल्ली (पठान काल): हजरत निजामुद्दीन औलिया के बारे में विस्तार से...

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इनका नाम निजामुद्दीन औलिया था। दिल्ली वाले इन्हें सुलतान जी के नाम से पुकारते थे। इनका असल वतन बुखारा था। इनका जन्म 1232 ई....

गंधक की बावली और राजा की बावली का इतिहास

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महरौली और उसके आसपास बहुत बावलियाँ थीं। उस इलाक़े में आसपास छोटी-छोटी पहाड़ियाँ और पथरीले टीले थे और कई जगहों पर उनके बीच पथरीली...

Qawwal Bacchon gharana: जब बादशाह के सामने गूंगे सावंत, बहरे बूला ने सुनाई कव्वाली

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कहानी भारत के पहले कव्वाल घराने कव्वालबच्चे की हिन्दुस्तानी संगीत में ग्वालियर घराना सबसे ज़्यादा अहम और पुराना समझा जाता है, मगर उससे पहले भी...

दिल्ली की दो सुखन और बेहतरीन मुकरियां, इनका जवाब पता है क्या आपको

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हमसे वाट्सएप से जुड़िए https://whatsapp.com/channel/0029VaNLx3XCRs1fvrDml50o दो-सुखने दिल्ली में पहेलियों के अलावा 'दो-सुखने' कहने का रिवाज भी था। दो सुखने, जैसा कि नाम से जाहिर है, दो बातों...

शाहजहांबाद (पुरानी दिल्ली) का इतिहास विस्तार से जानिए

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मुस्लिम शासकों की बारहवीं दिल्ली (मौजूदा दिल्ली शाहजहांबाद) लाल किले की तामीर के दस बरस बाद 1648 ई. में शाहजहांबाद शहर की बुनियाद पड़ी, जो...

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