दिल्ली
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दिल्ली के प्रतिष्ठित कॉलेज के बाहर से लौट गए मिर्जा गालिब, यह थी वजह
अंग्रेजों ने 1812-1813 ई. में यह कोशिश की थी की हिन्दुस्तानियों को अंग्रेजी शिक्षा दें। मगर इसमें वे सफल नहीं हुए थे। 1825 ई....
मुगल काल में दिल्ली के मशहूर मदरसे
दारुल बका
यह मदरसा बल्कि कॉलेज शाहजहां ने बनवाया था और जामा मस्जिद के उत्तर में दारुश्शिफ़ा या दारुलशफा के बराबर में था। इसके सदर...
दिल्ली में शिक्षा संस्थानों का इतिहास
भारत में अध्ययन-अध्यापन की परंपरा आरंभ से ही चली आ रही है। दिल्ली में भी शिक्षा संस्थानों का इतिहास बहुत पुराना है। भारत में...
800 साल से भी अधिक पुराना है दिल्ली घराना, फकीर ही नहीं राजा भी...
दिल्ली घराना की शुरुआत तानसेन से होती है, लेकिन कुछ पुराने उस्तादों के अनुसार दिल्ली घराना की बुनियाद उन्नीसवीं सदी में मियां अचपल ने...
आखिरी मुगल बादशाह बहादुर शाह जफर की कहानी
अकबर के काल से ही संगीत में तान को बहुत अहमियत मिलती रही। जिसकी तान जितनी जोरदार और सुरीली होती थी उसे उतना ही...
बहुत रंगीला था कोहेनूर हीरा गंवाने वाला मोहम्मद शाह रंगीला
संगीत की दुनिया में मुहम्मद शाह रंगीला का नाम हमेशा याद रहेगा। सदारंग, अदारंग और इछाबरस जैसे उच्च कोटि के ख्याल गायक और नायक...
मुगल बादशाह औरंगजेब को साहित्य से लगाव और संगीत से नफरत क्यों थी?
शाहजहां के शासन काल में संगीत ने दूसरी कलाओं के साथ प्रगति की। औरंगजेब के काल में लिखी ऐसी बहुत-सी किताबें है, जिनमें आलगमीर...
कौन थे नायक बख्शू, जिनके ध्रुपद गायन पर पुस्तक निकालना चाहता था शाहजहां
जहांगीर ने भी संगीत को प्रश्रय दिया। उसके दरबार में उस्ताद मुहम्मद नाई, बाक़िया, शौकी तंबूरा नवाज, जहांगीर दाद, चतुर खां, हाफ़िज अब्दुल्ला और...
जब तानसेन से संगीत मुकाबले के लिए घर पहुंचे बैजू बावरा
हिन्दुस्तान में मुगल साम्राज्य का संस्थापक जहीरुद्दीन बाबर संगीत प्रेमी था। तुजुक ए बाबरी के अध्ययन से मालूम होता है। कि जब वह काबुल...
Qawwal Bacchon gharana: जब बादशाह के सामने गूंगे सावंत, बहरे बूला ने सुनाई कव्वाली
कहानी भारत के पहले कव्वाल घराने कव्वालबच्चे की
हिन्दुस्तानी संगीत में ग्वालियर घराना सबसे ज़्यादा अहम और पुराना समझा जाता है, मगर उससे पहले भी...